इंडिया न्यूज़, Madhya Pradesh News : 36 घंटे से अधिक समय तक बारिश जारी रहने के बाद भारी बारिश ने कई नागरिकों को सोमवार की रात में शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया। मंगलवार को राहत मिली और जनजीवन सामान्य हो गया। भोपाल में मूसलाधार बारिश ने कई परिवारों को राहत शिविरों में रहने को मजबूर कर दिया है। राहत शिविरों में प्रशासन ने तत्काल रहने और खाने की व्यवस्था की। लेकिन बारिश के पानी में उनका घर तबाह हो गया।
बाढ़ का पानी कम होने के बाद प्रशासन उन्हें उनके घरों में शिफ्ट कर देगा। लेकिन अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट है। आठ परिवार भोपाल के हबीबिया स्कूल रिलीफ सेंटर में रह रहे हैं। सत्तर वर्षीय चंदा देवी अब घर चलाने के लिए चिंतित हैं क्योंकि उनका दावा है कि घर में कुछ भी नहीं बचा था। घर का सारा सामान बर्बाद हो गया। वह 40 साल से महामाई का बाग में रह रही हैं। जहां हमेशा बारिश में बाढ़ आ जाती है।
आपदा प्रबंधन केंद्र में रात भर फोन आते रहे। देर रात नगर निगम फतेहगढ़ के आपदा प्रबंधन केंद्र को 7 कर्मचारियों के साथ कंट्रोल रूम में तैनात किया गया। टीम को मिले 102 इनमें पेड़ गिरने, जलजमाव, शॉर्ट सर्किट से आग लगने की शिकायतें शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, दरमियानी रात बंद हुई 500 कॉलोनियों की बिजली आपूर्ति रात साढ़े तीन बजे तक बहाल नहीं हो सकी। जिन इलाकों में सुबह पानी भरा जाता था। वे रात में खाली हो जाते थे।
जिन इलाकों में दिन में बाढ़ की स्थिति बनी रही। रात में बारिश थमने के बाद उन इलाकों में पानी कम हो गया। अशोका गार्डन, कोल्हुआ कलां, ईंतखेड़ी, लंबाखेड़ा, कोलार, ललिता नगर, नयापुरा, बावड़िया कलां, दानिश कुंज, मंदाकिनी, शाहपुरा, करौंद, भानपुर, शिवनगर चोल, ऐशबाग, चांदबाद बजरिया, टीला जमालपुरा, जगदीशपुर, इस्लामनगर, पटेल नगर, आनंद नगर।
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