Japanese Fever : मध्य प्रदेश के जबलपुर के मझौली में जापानी इंसेफेलाइटिस का एक संदिग्ध मरीज मिला है। सूचना मिलन पर स्वास्थय विभाग हरकत में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि के लिए मरीज के सैंपल पुणे लैब भेजे हैं। साथ ही मरीज और उसके परिवार की हेल्थ मॉनिटरिंग की जा रही है। जानकारी मिली है कि जबलपुर में जापानी इंसेफेलाइटिस का एक भी केस अभी तक तो पॉजीटिव नहीं है।
उत्तर प्रदेश में जापानी इंसेफेलाइटिस के मरीज मिलने के बाद अब मध्य प्रदेश में पहला सस्पेक्टेड मरीज जबलपुर जिले के मझौली में सामने आया है विभागीय सूत्रों के अनुसार, जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे सर्वे अभियान में उन मरीजों का विशेष तौर पर टेस्ट कराया जा रहा था। जो कि 6-7 दिन से बुखार से पीड़ित थे। इस दौरान टीम ने इस मरीज को इस बीमारी के लिए संदिग्ध पाया और सैंपल लेकर पुणे भेज दिए। जिसकी रिपार्ट आना अभी बाकी है।
ऐसे फैलता है जापानी इंसेफेलाइटिस
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. आरके पहरिया ने बताया कि यह रोग क्यूलेक्स प्रजाति के संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है। जेई से संक्रमित अधिकांश लोगों में इसके लक्षण या तो दिखाई नहीं देते या फिर हल्के लक्षण पाए जाते हैं। जिनपर ध्यान नहीं जाता। यह बीमारी जहां पीने का साफ पानी नहीं होता है,।वहां ज्यादा फैलती है। अधिक गर्मी या नमी वाले मौसम में भी यह बीमारी होती है।
यह है जापानी बुखार
जापानी इंसेफेलाइटिस एक ऐसी बीमारी है। जो मच्छरों के काटने से फैलती है। यह मच्छर फ्लेविवायरस संक्रमित होते हैं. यह संक्रामक बुखार नहीं है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। इस बुखार के लक्षण मच्छर के काटने के 5 से 15 दिन में दिखाई देते हैं।
लक्षण
सिर दर्द होना
तेज बुखार होना
मांसपेशी में दर्द
बेहोश हो जाना
शरीर के अंगों में जकड़न होना
चमकी और ऐंठन होना
बच्चे का सुस्त होना या बेहोश हो जाना
शरीर सुन्न पड़ जाना
शरीर में कोई हरकत न होना