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Narmada Parikrama: मध्यप्रदेश का पर्यटन विभाग कराएगा नर्मदा परिक्रमा,  मिलेगी 14 दिन और 15 रात के टूर पैकेज की सुविधा

• LAST UPDATED : November 8, 2022

हर साल हजारों श्रद्धालु मध्यप्रदेश की जीवनरेखा कहे जाने वाली नर्मदा नदी की परिक्रमा करते हैं। आपको बता दे कि नर्मदा मध्य भारत की एक नदी और भारतीय उपमहाद्वीप की पांचवीं सबसे लंबी नदी है।मध्यप्रदेश के तीर्थ स्थल अमरकंटक से निकलकर यह नदी गुजरात में खंभात की खाड़ी में विलय हो जाती है। शास्त्रों में नर्मदा को रेवा नदी भी कहा गया है। हिंदू धर्म में नर्मदा परिक्रमा का बड़ा महत्व है। श्रद्धालुओं के लिए मध्यप्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने नर्मदा परिक्रमा कराने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

आध्यात्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हो रहा है यह अभिनव पहल

मध्यप्रदेश में आध्यात्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग मां नर्मदा की परिक्रमा कराने की अभिनव पहल कर रहा है। पर्यटन विभाग के 14 दिन और 15 रात के इस टूर पैकेज की सुविधा जबलपुर, इंदौर और भोपाल से ली जा सकती है। जबलपुर से अमरकंटक, मंडला, करेली, होशंगाबाद, हांडिया, ओंकारेश्वर, बड़वानी, राजपिपल्या, काठपोर, मीठी तलाई, बडोदरा, झाबुआ, महेश्वर, उज्जैन, सलकनपुर, बुदनी, जबलपुर होते हुए अमरकंटक में यात्रा का समापन होगा। इसी तरह इंदौर-भोपाल से यात्रा प्रारंभ होकर उज्जैन, ओंकारेश्वर, बड़वानी, राजपिपल्या, काठपोर, मीठी तलाई, झाबुआ, मांडू, महेश्वर, सलकनपुर, झाबुआ, अमरकंटक, मंडला, करेली, होशंगाबाद, ओंकारेश्वर होते हुए इंदौर-भोपाल में यात्रा का समापन होगा। मप्र पर्यटन विकास निगम की ओर से शुरू आध्यात्म नर्मदा परिक्रमा से जहां प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं इसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से  यह प्रदेश के लिए फलदायी होगी।

नर्मदा  का जल गुणवत्ता अन्य नदियों के मुकाबले अच्छी स्थिति में

मध्य प्रदेश  देश का पहला ऐसा पहला राज्य  है,  जिसने 2017 में  नर्मदा नदी को मां के समान माना। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से ‘नमामि देवि नर्मदे’ के तहत 11 दिसंबर 2016 से 15 मई 2017 तक नर्मदा सेवा यात्रा आयोजित की गई। जिससे नदी की सेहत और सूरत बदली। आज नर्मदा नदी  का जल गुणवत्ता अन्य नदियों के मुकाबले अच्छी स्थिति में है।