मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि मां, बहन, बेटियों को उनके जीवन का अधिकार दिलाना ही मेरी जिंदगी का लक्ष्य है। मध्यप्रदेश ऐसा पहला प्रदेश है, जहां तय किया गया कि अगर बिटिया को किसी ने गलत नजर से देखा, गलत हरकत की तो सीधे फांसी के फंदे पर चढ़ाया जाएगा। 87 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। दुराचारी को बख्शेंगे नहीं, इनके घर तोड़ दो।
मेरे जीवन का उद्देश्य माँ, बेटी और बहन को उनका अधिकार दिलाना व उनके सम्मान की रक्षा करना है।
भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले का मार्गदर्शन, प्रोत्साहन एवं उत्प्रेरण कार्यक्रम में सहभागिता की। https://t.co/p9cKNlyPPp https://t.co/OdwBIT1gpy pic.twitter.com/mQbilUG2ff
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 12, 2022
सीएम ने कहा- प्रदेश में पहले 1 हजार बेटों पर 912 बेटियां जन्म लेती थीं। अब यह संख्या बढ़कर 956 हो गई है। मेरी इच्छा है कि एक हजार बेटे पैदा हों, तो एक हजार बेटियां भी जन्म लें। उन्होंने ये बातें महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओं के लिए भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में कहीं।
कार्यक्रम में शिवराज ने कहा- मुझे ये बात कहने में कोई संकोच नहीं कि मैं 18 घंटे काम करता हूं। सुबह से देर रात तक लगा रहता हूं। सोचता हूं कि मप्र की साढ़े आठ करोड़ जनता के लिए काम करना है। उसी तरह हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिका बहनें बच्चों को सुपोषित करने के लिए जी-जान से लगी रहती हैं। सीएम ने अच्छा काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का कार्यक्रम में सम्मान भी किया।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अमले का मार्गदर्शन, प्रोत्साहन एवं उत्प्रेरण कार्यक्रम। #Bhopal https://t.co/HfS85E8Umk
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) November 12, 2022
सीएम शिवराज ने कहा, कुपोषण मुझे मप्र के माथे पर ये कलंक लगता है। कुपोषण रोकने के मामलों में हमने प्रगति की है। इसमें कोई दो मत नहीं है। कुपोषण कम किया है। आंकड़े गवाह हैं, लेकिन बाकी राज्यों की तुलना में हम पीछे हैं। सरकार इस मामले में काम कर रही है। समाज भी मदद के लिए तैयार बैठा है।
सीएम ने बताया- एक दिन मैं भोपाल की सड़कों पर निकला तो लोगों ने दिल खोलकर मदद की। इंदौर में सिर्फ एक घंटे के लिए निकला तो साढ़े 8 करोड़ के चेक मिल गए। इसका मतलब है, समाज बहुत कुछ देना चाहता है। हमने ‘एडॉप्ट इन आंगनबाड़ी’ अभियान चलाया। हम इसे और भी बेहतर करेंगे।
मुख्यमंत्री ने लोगों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, किसान की फसल आ गई। एक-आधा क्विंटल आंगनबाड़ी को दे दो। लोगों का विश्वास पैदा होना चाहिए। पहली बात वही, बच्चे कुपोषित न रहें। ये संकल्प हम कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने आंगनवाड़ियों केंद्रों को समय पर खोलने, स्वच्छता का ध्यान रखने तथा अन्य कार्यों को उत्कृष्टता के साथ निर्वहन के लिए आंगनवाड़ी की सहायिकाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। pic.twitter.com/v1n6rJx0Ns
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उन्होंने पूछा- क्या महिला बाल विकास विभाग ये संकल्प ले सकता है कि सालभर के अंदर एक भी बच्चा अंडरवेट नहीं रहेगा। विभाग की योजनाओं का लाभ लेंगे और हम भी मदद करेंगे। उन्होंने पूछा- ये चैलेंज स्वीकार है क्या…। बहुत डर गए… चैलेंज लें न… हो मंजूर तो बोलो हां…उसके लिए बकायदा आंगनबाड़ी की जरूरतों को सरकार और समाज से पूरा कराएंगे।