राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा (MP Kartik Sharma) ने कहा कि करनाल के सेक्टर 12 में आगामी 11 दिसंबर को भगवान परशुराम महाकुंभ (Bhagwan Parshuram Mahakumbh) होने जा रहा है। इस महाकुंभ में समस्त हरियाणा से बहुत बड़ी संख्या में लोग करनाल के राज्य स्तरीय सम्मेलन में भागीदारी करेंगे।
भगवान परशुराम महाकुम्भ में पहुँचने के लिए ज्यादा से ज्यादा साथियों को निमंत्रण देने के क्रम में,आज जींद एवं सोनीपत जिले में क्रमशः पिल्लूखेड़ा, गोहाना और सिकंदरपुर माजरा पहुँच रहा हूँ
— Kartik Sharma (@Kartiksharmamp) November 24, 2022
समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल बतौर मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत करेंगे और ब्राह्मण समाज के सांसद, मंत्री व विधायक भी शामिल होंगे। उन्होंने आह्वान किया कि इस राज्यस्तरीय महाकुंभ में बढ़चढ़ कर भाग लें और अपनी आवाज बुलंद करें। राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा गुरुवार को जींद पिल्लूखेड़ा मंडी में स्थित ब्राह्मण धर्मशलाा में ब्राह्मण सभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान सांसद कार्तिक शर्मा ने राज्य स्तरीय सम्मेलन की सफलता के लिए मंथन किया और समाज के लोगों को जिम्मेदारी भी सौंपी। कार्यक्रम में पहुंचने पर ब्राह्मण समाज के लोगों ने राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा का भव्य स्वागत किया और समाज की तरफ से पगड़ी पहनाई। कार्तिक शर्मा ने कहा कि सीएम सिटी करनाल में 11 दिसंबर को आयोजित किए जाने वाले भगवान परशुराम महाकुंभ को लेकर ब्राह्मण समाज के साथ-साथ हर वर्ग के लोगों में उत्साह बना हुआ है।
36 बिरादरी के लोग महाकुंभ में आएंगे। यह प्रदेश स्तरीय महाकुंभ इतिहास रचेगा और इसमें प्रदेशभर के कोने-कोने से 36 बिरादरी के लोग पहुंचेंगे। कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज सशक्त तरीके से अपने आपको पेश करे ताकि हमारी मांगों को माना जाए, जोकि वाजिब हैं। इस महाकुंभ को लेकर युवाओं में खासा उत्साह बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें अब यह सोचने की जरूरत है कि हम क्यों पिछड़े हैं। इस बात का इतिहास ग्वाह है कि जिन कौमों में एकता नहीं होती, वह पिछड़ जाती हैं। हमें एकजुट होकर अपनी बात रखनी है। उनके पिता जी विनोद शर्मा ने समाज व हरियाणा प्रदेशवासियों के लिए जो काम किया है, वो उसे और भी आगे ले जाने का काम करेंगे।
राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा ने कहा कि दुनिया व समय बदल रहा है। ऐसे में हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना है। उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने हमेशा समाज के हक की लडाई लड़ी। चाहे वो ईबीपीजी में हमें अपना हिस्सा दिलाने की बात रही हो, चाहे वो साक्षात्कार सिस्टम खत्म करने की बात रही हो, नौकरियों में पारदर्शिता लाने की बात हो, उनके पिता ने युवाओं की लड़ाई लड़ी। आज वो अपने पिता के दिखाए मार्ग पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। वो युवाओं की व समाज की समस्याओं से भलीभांति अवगत हैं।
उन्होंने समाज के लोगों को आश्वासन दिया कि वो समाज की आवाज को बुलंद करेंगे। जो सोच उनके पिता विनोद शर्मा की थी, उसी सोच को लेकर वो राजनीति में आए हैं। मुख्यमंत्री मनोहरलाल के सहयोग से वो राज्यसभा सांसद बने। समाज के लोगों ने उनका साथ दिया। जैसे उनके पिता ने समाज व युवाओं के लिए काम किया है वो भी उसी तरह काम करेंगे। जब उन्होंने अपने पिता को बताया कि वो पिल्लूखेड़ा में भगवान परशुराम महाकुंभ का न्यौता देने जा रहे हैं तो उनके पिता बहुत खुश हुए और कहा कि वहां उनके बहुत से पुराने साथी हैं। उनकी कुशल क्षेम देना। इसलिए वो अपने परिवार में आए हैं।
कार्तिक शर्मा ने कहा कि करनाल के सेक्टर 12 में आगामी 11 दिसंबर को भगवान परशुराम महाकुंभ को लेकर लोगों में बहुत उत्साह है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल 36 बिरादरी को साथ लेकर चल रहे हैं। ऐसे में उन्हें पूरी उम्मीद है कि वो ब्राह्मण समाज को कभी भी निराश नहीं होने देंगे, इसलिए इस महाकुंभ में सर्व समाज की भागीदारी होनी चाहिए। इस कार्यक्रम में झाकियां, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा। कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। वो स्वयं प्रदेशभर में प्रत्येक जिले में बैठक करके प्रदेश के हर वर्ग को इस कार्यक्रम में भाग लेने का आह्वान कर रहे हैं।
11 दिसंबर को करनाल में आयोजित भगवान परशुराम महाकुम्भ में पहुँचने के लिए ज्यादा से ज्यादा साथियों को निमंत्रण देने के क्रम में,आज सबसे पहले जींद जिले के गांव पिल्लूखेड़ा मंडी पहुंचा।
ब्राह्मण समाज के साथियों द्वारा किए गए स्वागत हेतु हृदय से आभार pic.twitter.com/qawnevw3yN— Kartik Sharma (@Kartiksharmamp) November 24, 2022
भगवान सभी वर्गों के होते हैं, इसलिए इस कार्यक्रम में सभी वर्गों को निमंत्रण दिया जा रहा है। भगवान परशुराम जी सर्वसमाज के पूजनीय हैं, इसलिए इस महाकुंभ में सर्वसमाज की भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम जी के बारे में सर्वसमाज को जानकारी होनी चाहिए। पितामह भृगु द्वारा संपन्न नामकरण संस्कार के अनंतर परशुरामराम जी राम कहलाए। वे जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य और शिवजी द्वारा प्रदत्त परशु धारण किए रहने के कारण वे परशुराम जी कहलाए। जब भगवान शिव ने उन्हें अपना परशु नामक अस्त्र प्रदान किया तभी से उनका नाम परशुराम जी हो गया। भगवान परशुराम जी सर्व समाज के पूजनीय हैं।
इस मौके पर ब्राह्मण सभा के प्रधान सियाराम शास्त्री, भगवान परशुराम सेवा समिति के प्रधान डॉ. कश्मीरी लाल शर्मा, रामनिवास पटवारी, धर्मबीर पिंडारा, रामनिवास पटवारी, राजेंद्र पॉलिस्त, सतबीर भागखेड़ा, पंडित भैय्याराम शर्मा, रामजुआरी शर्मा, सियाराम, गांव मुआना के सरपंच डॉ. श्याम शर्मा, कुलदीप कौशिक, दीपक शर्मा भूरायण, बालकिशन पराशर, राजेश कौशिक, पंडित सोमपाल रिटौली, रिटौली के पूर्व सरपंच रोहताश, जगदीश, राधेश्याम वशिष्ठ, राममेहर शास्त्री और रामभगत शर्मा सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।