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MP: शिक्षा के मंदिर में भी लाखों की हेराफेरी जांच अधर में लटकी

• LAST UPDATED : January 3, 2023

 

बैरसिया: राजधानी भोपाल की बैरसिया में भ्रष्टाचार इस कदर अपनी जड़ें जमा चुका की यहां आए दिन भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे। और यहा पदस्थ अधिकारी कर्मचारीयों को किसी का डर नहीं है। यही कारण है कि बैरसिया के अधिकांश शासकीय विभाग हमेशा अखबारों कीसुर्खियों में बने हुए हैं। चाहेतहसील कार्यालय हो या जनपद पीडब्ल्यूडी, पी एच आई या फिर स्कूल शिक्षा विभाग हर तरफ़ भ्रष्टाचार की मानों होड़ मची हुई है।

जहा सरकारी स्कूलों में भी निजी स्कूलों से बेहतर शिक्षा,वातावरण,फर्नीचर,और सुविधाएं मिले इसके लिए सीएम ने हर ब्लॉक में सीएम राइज स्कूल खोले हैं। पुराने स्कूल भवनों की मरम्मत और अन्य सुविधाएं जुटाने के लिए अलग अलग मदों में शासन ने स्कूल प्रबंधन के खाते में राशि डाली है। मरम्मत और रंगाई पुताई आदि के लिए 5 लाख रुपए तो अन्य संसाधन जुटाने के लिए 12 लाख रुपए दिए हैं।

लेकिन स्कूल प्रबंधन बिना काम करवाए ही फर्जी बिल बाउचर लगाकर राशि निकाल रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि बैरसिया ठाकुर लाल सिंह हायर सेकेण्डरी स्कूल जोकि सीएम राइस है।और यहा रंगाई पुताई एवं अन्य संसाधनों के लिए करीब 17 लाख की राशि सरकार द्वारा दी गई है।

मगर यहा के प्रबंधक द्वारा रंगाई पुताई की खानापूर्ति कर राशि का गवन कर दिया जहा हालात यह है कि कहीं न तो पुताई नज़र आती और नाही अन्य व्यवस्थाएं टूटे-फूटे शौचालय स्कूल में गंदगी के अंबार दिखाई दे रहे जहा कोई साफ़ सफाई नहीं दिखाई देती। बताया जाता है कि पूर्व प्राचार्य लाखों की राशि फर्जी बिल वाउचर लगाकर हज़म कर गए। और जिसके चलते उन्हें हटा दिया गया है। स्कूल की राशि कहा खर्च हुई।

जिसकी जांच जारी है। मगर करीब एक माह से भी अधिक समय बीत जाने पर भी अभी तक जांच पूरी नहीं हुई। अब ऐसे में सीएम राईज स्कूलों में बेहतर शिक्षा और सुविधाओं की उम्मीद से लोगों ने अपने बच्चों के नाम निजी स्कूलों से कटवाकर इसमें प्रवेश दिलाया था लेकिन यहां न सुविधा है और न संसाधन। इस वजह से छात्र-छात्राएं और पेरेंट्स अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

राकेश नागर प्राचार्य सीएम रइज का कहना  है कि सर्व सुविधायुक्त स्कूल बनाने का हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। स्कूल समय पर खुलता है बंद भी समय पर होता है। मुझे आए अभी ज्यादा समय नहीं हुआ। 17 लाख करीब राशि आई थी वह पूर्व प्राचार्य के समय आई थी और उन्होंने ही खर्च किया है। मेरे कार्यकाल में अभी 5 लाख 95 हजार रुपए आए हैं जिससे से 5 लाख सफाई और गाडो के लिए तथा 95 हजार अन्य खर्च के लिए है।