भारत-न्यूजीलैंड के बीच 24 जनवरी को इंदौर में होने वाले एक दिवसीय क्रिकेट मैच को लेकर मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत जनहित याचिका लगाई गई है । कोर्ट ने मप्र क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) से पूछा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के 17 हजार आनलाइन टिकट सिर्फ तीन मिनट में कैसे बिक गए। कोर्ट ने एमपीसीए से कहा कि वह आनलाइन टिकट बिक्री का पूरा रिकार्ड 17 जनवरी से पहले प्रस्तुत करे। अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी।
सिर्फ तीन मिनट में हो गई साइट क्रैश
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका राकेशसिंह यादव ने दायर की है। याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए एडवोकेट रोहित शर्मा ने कहा है कि इसके पहले भी इंदौर में हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में टिकटों की कालाबाजारी हुई है। 24 जनवरी को भारत-न्यूजीलैंड के बीच होने वाले एक दिवसीय क्रिकेट मैच में भी ऐसा होने की आशंका है।
एक व्यक्ति अधिकतम खरीद सकता है चार टिकट
आनलाइन बुकिंग शुरू होने के कुछ ही मिनट में पूरे टिकट बिक जाते हैं। नियमानुसार एक व्यक्ति अधिकतम चार टिकट खरीद सकता है। 12 जनवरी से भारत-न्यूजीलैंड के बीच होने वाले मैच के टिकट आनलाइन बिकना शुरू हुए। सिर्फ तीन मिनट में ही साइट क्रैश हो गई। एमपीसीए को 17 हजार टिकट आनलाइन बेचना थे। ऐसे में सवाल है कि सिर्फ तीन मिनट में 17 हजार टिकट कैसे बिक सकते हैं।
17 जनवरी से पहले प्रस्तुत करें रिकार्ड
एमपीसीए की तरफ से एडवोकेट अजय बागड़िया ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि टिकट की बिक्री में पारदर्शिता रखी जाती है। याचिका सिर्फ प्रसिद्धि पाने के लिए दायर की गई है। न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति पीसी गुप्ता की युगलपीठ ने दोनों पक्षों के तर्क सुने। इसके बाद आदेश दिया कि एमपीसीए आनलाइन टिकट बिक्री का पूरा रिकार्ड 17 जनवरी से पहले कोर्ट में प्रस्तुत करे और बताए कि आखिर सिर्फ तीन मिनट में 17 हजार टिकट की बिक्री कैसे हो गई।