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MP: बाघों को बचाने के लिए पन्ना कलेक्टर की पहल, बाघों की मौत के बाद उठाया सख्त कदम

• LAST UPDATED : January 16, 2023

इंडिया न्यूज, पन्ना(Panna -Madhya Pradesh)

MP: मध्यप्रदेश के पन्ना में बाघों की मौत की कई खबरे बिते दिनों सामने आई है। जो की एक चिंता का विषय है। बाघों की मौते इस प्रजाति के पतन की तरफ ईशारा करता है। जिसके चलते बाघों को बचाने के लिए पन्ना कलेक्टर ने एक पहल करी है।

आपको बता दें, कि एक महिने में बेशक 2 बाघों के शिकार के बाद वन विभाग के अधिकारी तो नहीं जागे।  लेकिन पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने जरूर पहल की है। उन्होंने जंगल से सटे राजस्व क्षेत्र यानि खेतों में फंदे लगाने और खेत की बागड़-पोखर में करंट प्रवाहित करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।

आपको बता दें, कि पशुओं एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर जंगल से सटे क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है, और साफ-साफ कहा दिया गया है, कि इसका उल्लंघन करने पर धारा 188 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।

1 महिने में पन्ना जिले में कम से कम दो बाघों का शिकार हुआ है। पांच जनवरी को पन्ना टाइगर रिजर्व में करंट से एक बाघ की मौत हुई है, तो वहीं 7 दिसंबर 2022 को उत्तर वनमंडल पन्ना के विक्रमपुर क्षेत्र में एक बाघ फंदे पर झूलता मिला था।

पन्ना टाइगर रिजर्व वर्ष 2009 में बाघ विहीन हो गए। तब सरकार ने यहां बाघ बहाली योजना शुरू की। फिर 16 अप्रैल 2010 की रात धुंधुआ सेहा में बांधवगढ़ से लाई गई बाघिन टी-1 व पेंच टाइगर रिजर्व से लाई गई नर बाघ टी-3 से चार शावकों का जन्म हुआ, जिसके बाद यहां बाघो की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन कुछ समय से बाघों की मौत के मामले भी सामने आ रहे है। जिसके चलते यह कदम उठाया जा रहा है।

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