इंदौर। Decision on appointment of Arvind Bagdi on hold: शहर कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर अरविंद बागड़ी की नियुक्ति को लेकर इंदौर के कुछ नेताओं ने इस पर विरोध जताया। जिसके चलते मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दूसरे ही दिन फैसला होल्ड पर रख दिया। बागड़ी ने सोमवार को गांधी भवन पहुंचकर कार्यभार संभाला था, लेकिन शाम को प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल का पत्र जारी होते ही वे आधे दिन के शहर अध्यक्ष साबित हुए।
शहर कांग्रेस कमेटी में यह पहली इस तरह की घटना है। जब अध्यक्ष पद की नियुक्ति की घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही फैसले को होल्ड पर रख दिया गया।
रविवार रात मध्यप्रदेश में कई संगठनात्मक नियुक्तियां की गई थीं और इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर विनय बाकलीवाल के स्थान पर अरविंद बागड़ी को अध्यक्ष बनाया गया था। इस नियुक्ति का कांग्रेसियों ने जमकर विरोध किया था और सोमवार दोपहर इंदौर के नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मिलकर स्पष्ट कर दिया था कि उन्हें यह नियुक्ति किसी भी हालत में मंजूर नहीं है।
शहर में गांधी भवन पर भी बागड़ी के विरोध में पुतले जलाए गए। हालांकि बागड़ी का कहना है कि उन्होंने आधिकारिक रूप से पदग्रहण कर लिया है और फैसले को होल्ड पर रखने की उन्हें कोई सूचना नहीं है। वहीं पूर्व अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने दावा किया है कि उन्होंने सोमवार शाम दोबारा अध्यक्ष पद संभाल लिया है।
अरविंद बागड़ी सांवेर उपचुनाव में नहीं दिखे। लंबे समय से वे पार्टी के किसी आंदोलन में शामिल नहीं हुए और न ही गांधी भवन पहुंचे हैं। उनके कथित रूप से भाजपा नेताओं से नजदीकी संबंध हैं। ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष बनाना गलत है। जमीनों के विवाद में भी उनका नाम आ चुका है। कमलनाथ से मिलने वालों में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे, शैलेश गर्ग, अनवर कादरी, अयाज बेग, अनवर दस्तक, दीपू यादव, राजू भदौरिया सहित अन्य नेता शामिल थे।
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