होम / आखिर… सत्ता में आकर भी कमलनाथ सरकार को क्यों बोलना पड़ा ‘टाटा-बाय-बाय’!

आखिर… सत्ता में आकर भी कमलनाथ सरकार को क्यों बोलना पड़ा ‘टाटा-बाय-बाय’!

• LAST UPDATED : February 9, 2023
MP Politics: मध्य प्रदेश में इसी साल चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर प्रदेश की दोनों पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ के बीच बयानबाजी का सिलसिला लगातार जारी है। बीजेपी विकास यात्रा के दौरान जहां प्रदेश के कौने-कौने तक अपनी विकास गाथा सुना रही है तो वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मोर्चा संभाल रखा है। 

दूसरी तरफ कांग्रेस के भीतर सीएम को चेहरे को लेकर लगातार घमासान मचा हुआ है। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर साफ कहा था कि यह चुनाव के बाद आलाकमान तय करेंगे। इसके बाद से ही कांग्रेस पर कम्युनिकेशन गैप होने के आरोप लगते रहे है। जिसके चलते कमलनाथ बार-बार सफाई देते नजर आए। हालांकि, इस बात को भी भूला नहीं जा सकता कि 15 साल बाद सत्ता में आने के बाद भी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार फिर गिर गई थी। जिसे लेकर प्रदेश में काफी चर्चाएं रही थीं।

जानिए, कैसे गिरी थी कमलनाथ सरकार?


20 मार्च… ऐसा दिन जिसे मध्यप्रदेश में शायद ही कोई भूल पाएगा। दरअसल ये वही दिन है जब 15 साल बाद सत्ता में आने के बाद भी कांग्रेस की कमलनाथ की सरकार गिर गई थी। ऐसा दिन जब कमलनाथ मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। यहां तक की कमलनाथ की सरकार गिरने की वजह कांग्रेस और कमलनाथ के बीच काफी मतभेद भी देखा गया था। इस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे थे। अनबन इतनी बढ़ गई कि अंत में सिंधिया ने 25 विधायकों सहित पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया, जिससे कमलनाथ की सरकार गिर गई।

9 मार्च से शुरू हुआ ‘राजनीतिक संकट’


मध्यप्रदेश की राजनीति में कमलनाख सरकार के लिए 9 मार्च वह तारीख है। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायक अचानक गायब हो गए। इससे कांग्रेस में हड़कंप मच गया। गायब होने वाले 19 विधायकों में छह मंत्री भी शामिल थे। बताया गया कि 22 विधायक बेंगलुरु के एक होटल में थे। इनमें कुछ ऐसे भी थे जो कमलनाथ सरकार में मंत्री थे। खबर आई कि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अमित शाह से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं। सिंधिया ने अमित शाह से मुलाकात के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।

जब कमलनाथ ने दिया इस्तीफा


10 मार्च की सुबह फिर से ज्योतिरादित्य सिंधिया गृह मंत्री अमित शाह से मिलने गए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। मुलाकात के कुछ देर बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया। सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देते ही बेंगलुरु में मौजूद 22 विधायकों ने भी एक साथ अपना इस्तीफा सौंप दिया। जिससे कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई। कमलनाथ को जब लगा कि अब सरकार नहीं बचेगी तो उन्होंने 20 मार्च को सीएम हाउस में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और उसके बाद इस्तीफा दे दिया। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और राज्य की सत्ता संभाली।

यह भी पढ़ें: BJP की विकास यात्रा में शामिल हुए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, 6000 करोड़ के कार्यों का किया बखान

Connect With Us: Twitter | Facebook