मध्यप्रदेश का बजट सत्र आज से शुरु हो गया है। इस बार का बजट सत्र कुछ अलग होने वाला है क्युकि इस बार विधानसभा की ओर से विधायकों को टैबलेट दिया जाएगा और इसे इस्तेमाल करने का तरीका भी विधानसभा सचिवालय द्वारा बताया जाएगा। विधानसभा में हुए इस बदलाव का विपक्षी दल खुल कर विरोध कर रहे हैं। विपक्ष के नेता डॉ. गोविंद सिंह ने कहा विधानसभा अध्यक्ष से मैने अनुरोध किया है कि मध्यप्रदेश में गरीब-पिछड़े तबके के विधायक भी हैं जिनहे डिजिटल सेवा की जानकारी नहीं है। जब ज्यादा लोग इस प्रक्रिया के समर्थन में नहीं है तो ऐसे में पेपर ना देकर डिजिटल बजट देना तानाशाही है। कागजों पर जानकारी मिलने से लोग इसे आसानी से पढ़ और समझ सकते थे।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ओड़िशा की विधानसभा में ई-बजट आ चुका है। देश की दूसरी विधानसभाओं में भी ई-बजट लाया जा रहा है। हमें धीरे-धीरे तकनीकी का उपयोग करना होगा। पहले बजट में इतना पेपर होता था कि एक व्यक्ति उठा नहीं पाता था। अब एक टैबलेट पर सारी जानकारी होगी जिसे लोग आसानी से पढ़ सकेंगे और इससे वित्तीय खर्च भी कम आएगा और प्रदेश के विधायक भी डिजिटलीकरण से जुड़ेंगे।
मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज सुबह 11 बजे राज्यपाल मंगूभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू किया जाएगा। 1 मार्च को विधानसभा में बजट पेश किया जाएगा। बता दें कि हर बार सत्र शुरू होने के पहले विधायक दलों की बैठकें आयोजित की जाती है जो कि इस बार नहीं हो पाया है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के नेता और विधायक राष्ट्रीय अधिवेशन में अधिक व्यस्त थें और वहीं बीजेपी के विधायक भी विकास यात्रा में लगे थें जिसके कारण विधायक दल की बैठक नहीं हो पाईं।
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी और कुणाल चौधरी विधानसभा में हल लेकर पहुँचे है। उनका कहना है कि शिवराज सिंह जी गैंती लेकर हेलिकॉप्टर में चल सकते हैं, तो क्या हम किसानों का प्रतीक हल लेकर विधानसभा में नहीं आ सकते।