मध्यप्रदेश:(40 lakh instead of 5 thousand recovered from tribal sweeper)मध्यप्रदेश के रीवा जीले से एक मामला सामने आया है। जिसमें श्याम बिहारी नाम के आदिवासी ने अपनी पूरी कहानी बताई है। उनका कहना है कि पत्नी के इलाज के लिए उन्होने मनीष पांडेय से 5 हजार लिए थे जिसके बदले आरोपी ने अबतक 40 लाख रुपए उनके खाते से निकाल लिए। श्याम का कहना है कि जो पैसे मैने लिए थे वो मुझे महीनेभर में चुकाना था लेकिन मैं वापस नही कर पाया। जिसके बाद मनीष मुझे घर से उठाकर ले आया। कमरे में बंद कर पीटा भी और कट्टा दिखाकर जान से मारने की भी धमकी दी और कहा कि ड्यूटी करने आया तो परिवार सहित खत्म कर देंगे, दोबारा सतना में मत दिखना। ऐसे में मै डर गया।
2003 में सामान्य प्रशासन विकास विभाग मंत्रालय ने बैकलॉग के रिक्त पदों पर विशेष अभियान चला कर 36 आदिवासियों की भर्ती की थी। तब 36 आदिवासियों में से एक श्याम बिहारी का भी नाम शामिल था। साल 2003 से 2012 तक सिकायतकर्ता ने सतना नगरपालिका में ड्यूटी भी किया। लेकिन साल 2013 में अचानक ये घटनी घटी जिसके बाद मनीष 10 साल से श्याम का वेतन ले रहा है। आरोपी ने श्याम के नाम से दो लोन भी ले रखा है। पहला लोन से 22 अगस्त 2022 में 1.89 लाख रुपए निकाले। वहीं दूसरा लोन से दो दिन बाद 1.44 लाख रुपए हड़प लिए। बता दें पहले श्याम का वेतन लगभग 15 से 20 हजार रुपए के बीच था। अब वेतन 30 से 40 हजार के बीच हो चुका है।
दिसंबर 2022 में रीवा एक फाइनेंसकर्मी ने श्याम बिहारी को खोजते हुए चाकघाट के पास उनके गांव पहुंचे। फाइनेंसकर्मी ने श्यामबिहारी से कहा कि बुलेट लिए हो, किस्त नहीं दे रहे हो। यह बात को सुन कर श्याम वहीं पर जोर-जोर से रोने लगा। रोने की आवाज सुनकर गांव वाले इकट्ठा हुए और उन्होंने फाइनेंस कर्मचारियों को सारी बाते समझायी। कहा कि जिस आदमी के पास खाने तक के पैसे नहीं हैं, वह बुलेट कैसे ले सकता है। तब जाकर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जिसके बाद श्याम बिहारी ने एक रिश्तेदार के माध्यम से रीवा पहुंचकर शिकायत की।
आदिवासि श्याम बिहारी का कहना है कि बैंक के कर्मचारी से लेकर मैनेजर तक उसके आदमी हैं। सब ने मिलकर ये धांधलि किया है। उनका कहना है कि मनिष को जब भी साइन कराना होता था, तब मुझे बुलाता था और साइन करने के बदले 500-1000 रुपए देकर चला जाता था। मुझे लगता है बिना बैंक कर्मचारी के मिले इतना सबकुछ संभव ही नहीं है।
सिकायतकर्ता ने वकील के माध्यम से सतना निगमायुक्त, सिटी कोतवाली, एसपी, आईजी, डीआईजी, आयुक्त नगरीय प्रशासन,मुख्यमंत्री सहित गृहमंत्री से भी शिकायत की थी। लेकिन शिकायत करने के तीन महीने बाद भी उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।