मध्यप्रदेश: शुक्रवार को शहर की कन्याशाला में बीते 45 दिनों से कोडिंग का प्रशिक्षण लेने वाले सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की कार्यशाला का समापन हुआ। जिला प्रशासन के सहयोग से शहर के एलबीएस कॉलेज में अलग अलग सरकारी स्कूलों के प्रतिभाशाली बच्चों को मुंबई की एक संस्था के टीचर्स ने कोडिंग लेंग्वेज का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आईएएस गर्ग बोले-नई तकनीक को हर दिन सीखना होगा तभी हम आगे बढ़ेंगे। हरदा पूरे प्रदेश का ऐसा पहला जिला है जहां कक्षा छठवीं से आठवीं क्लास सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कोडिंग का निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
सफलता के लिये दृढ़ निश्चय और कठोर परिश्रम की आवश्यकता
समापन अवसर पर संबोधित करते हुए कलेक्टर ऋषि गर्ग ने कहा कि नई शिक्षा नीति में कोडिंग को अनिवार्य किया गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिले में नवाचार करते हुए सरकारी स्कूलों में छठवीं से आठवीं क्लास में पढ़ने वाले मेधावी छात्र को कोडिंग का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि सफलता के लिये दृढ़ निश्चय और कठोर परिश्रम की आवश्यकता होती है। चाहे ऊंचाईयां कितनी भी हो,उन्हें कठोर परिश्रम से प्राप्त किया जा सकता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कोडिंग एक अहम हिस्सा
कार्यशाला के सफल आयोजन के लिये मेंटर्स, विद्यार्थियों व शिक्षक शिक्षिकाओं देते हुए कहा कि यह कार्य टीम वर्क के बिना संभव नहीं था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कोडिंग एक अहम हिस्सा बन चुका। हमारा कर्तव्य है कि हम उसका पालन करें। कलेक्टर गर्ग ने कहा कि आज के समय में हमें हर दिन नई तकनीकों को नियमित रूप से सीखना चाहिए, तभी हम दुनिया में मिलने वाली चुनोतियों का सामना कर सकेंगे।
वही सीईओ सिसोनिया ने कहा कि कोडिंग की कार्यशाला में बच्चों ने जो तकनीक सीखी है,उसे लगातार प्रैक्टिस में रखना है। ताकि हम उस क्षेत्र में आगे बढ़ सके।