मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश के रीवा जिले के एक छोटे से कस्बे डभौरा की कहानी है। जहां लगभग 10 महिलाएं मिलकर एक समाचार पत्र निकालती हैं। वो भी कोई आम समाचार पत्र नहीं बल्कि हाथों से लिखा समाचार पत्र होता है। उस मासिक समाचार पत्र में महिलाओं से जुड़ी समस्याओं ओर आसपास के गांवों की परेशानियों को प्रकाशित किया जाता हैं। जिसके जरीय उस समस्याओं के बारे में लोगों और अधिकारियों को अवगत कराया जाता है।
महिलाओं का कहना है कि ये कहानी तब शुरु हुई थी जब एक दलित महिला को सार्वजनिक कुएं से पानी निकालने के कारण उसे बुरी तरह से अपमानित किया गया था। वो बताती हैं कि इस समाचार पत्र का मकसद महिलाओं की मदद करना है। खास कर के अनुसूचित जाति की महिलाओं की मदद करना है जो अधिकतर अपने अधिकारों से अपरचित होतीं हैं। उन्होने इस समाचार पत्र का नाम बाहिनी दरबार रखा है। जो कि एक मासिक समाचार पत्र है। और इस समाचार पत्र का टैगलाइन- आंखन देखी, कानन सुनी, हाथन लिखी ,सामाजिक बदलाव की खातिर‘ है।
बता दें कि ये समाचार पत्र को 2008 में 6 महिलाओं ने मिलकर शुरु किया था। आज ये समाचार पत्र मुहिम बन चुकी है। आज इस समाचार पत्र का छोटा सा समूह जावा ब्लॉक में 87 पंचायतों की लगभग 700 महिलाओं को अपमा हिस्सा बना चुका है। इस समाचार पत्र में प्रकाशित किये जाने वाले विषय के लिए हर महिने में 20 तारिख को बैठक आयोजित की जाती है। इस बैठक में चुने गए बिषयों को 30 तारीख को प्रकाशित किया जाता है। एक समाचार पत्र को हाथों से लिखे जाने के बाद उसे फोटोकॅापी कराया जाता है।
बता दें कि इस समाचार पत्र को स्थानिय भाषा बघेली में प्रकाशित किया जाता है। जिससे आम महिलायें इसे आसानी से पढ़ और समझ सकें। बता दें इस समाचार पत्र को सरकारी विभागों और पुलिस के अधिकारियों को भी दी जाती है। ताकि उन्हे भी गांव की परेशानियों से अवगत कराया जा सकें। साथ ही साथ कुछ प्रतियों को शहर के पत्रकारों को भी दिया जाता है।
ये भी पढ़े- बुंदेलखंड में घूमने की 5 खूबसूरत पर्यटन स्थल