आगर मालवा: भिंड जिले के मेहगांव की रहना वाली मीना जयंत बे-सहारा वृद्धजनो के लिए सहारा बनी है। कहा जाता है न कि जिसका कोई नहीं होता,उसका खुदा होता है। शायद ये बात इस परिस्थिती का सही उदाहरण है। दर-दर की ठोकरे खा रहे इन बुजुर्गो के लिए ईश्वर ने बेटी के रूप में इनके पास मीना जयंत को भेज है।
मीना जयंत का कहना है कि जब आगर मालवा नया जिला घोषित किया गया था। तब उन्हे पता चला कि इस गाांव में एक भी वृद्धाश्रम नहीं है। तब उन्होने यहां वृद्धाश्रम खोलने का फैसला लिया था। उन्होने बताया कि उन्हे फिल्म अवतार से प्रेरणा मिली थी। जिसके बाद उन्होने अपनाघर नाम का वृद्धाश्रम खोला है।
मीना जयंत बताती है कि यहां वैसे बहुत से वृद्धजन हैं जिनहे उनके खुद के घर वालों ने ठुकरा दिया है। ये लोग दर-दर की ठोकर खाने को मजबुर थें। वो बताती हैं कि इस काम में उनके परिवार वाले उनका पूरा सहयोग करते है। आगर मालवा के इन बुढे मां बाप को तो मीना जैसी बेटी और रहने को आसरा मिल गया परन्तु आज भी प्रदेश में अपनो से ठुकराएं हुऐ हजारो वृद्धजन ठोकरे खाने को मजबुर है।
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