श्योपुर: बता दें कि मध्यप्रदेश के श्योपुर जिला का बहुचर्चित आदिवासी नाबालिग गैंगरेप कांड में श्योपुर जिला न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है। ये मामला 17 मार्च 2022 का है। जिसमें भाई के साथ जंगल में गयी 15 साल की आदिवासी समाज की नाबालिक लड़की को तीनों आरोपियों ने बंधक बनाया था। फिर जंगल के सुनसान इलाके में ले जाकर आरोपी शहवाज खान, रियाज खान और मोहसीन खान ने लड़की के गैंग रेप की घटना को अंजाम दिया था।
बता दें कि इस मामले के ठीक एक साल बाद यानी की 17 मार्च 2023 को इस मामले पर जिला न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है। जिला सत्र न्यायाधीश प्रदीप मित्तल ने नाबालिग आदिवासी से गैंग रेप की वारदात के तीनों आरोपियों पर 10-10 हजार का अर्थदंड लगाते हुए अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा का फैसला सुनाया है।
इस मामले के सामने आते ही देहात थाना पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद इसे गंभीरता से लेते हुए 8 दिनों के भीतर कोर्ट में पेश कर दिया गया। बता दें जिला प्रशासन ने गैंग रेप के तीनों आरोपियों के सरकारी जमीन पर बने हुए घरों पर JCB चलाते हुए घरों को तोड़ने की कार्यवाही भी की गयी थी।
सबूत और गवाहों के बयानों को मद्दे नजर देखते हुए जिला न्यायालय के न्यायाधीश ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। आदिवासी नाबालिक के केस को सरकार की ओर से नियुक्त किये गए विशेष लोक अभियोजक बीके शर्मा ने पूरे मामले में निशुल्क पैरवी करते हुए नाबालिक को इंसाफ दिलाया है।
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