Navratri 2023 Maa Kalaratri: आज महापर्व नवरात्रि का सातंवा दिन है। वैसे नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है और आज के दिन मां कालरात्रि की पूजा आराधना होती है। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो सप्तमी तिथि के दिन देवी कालरात्रि की उपासना करने से भय, रोग एवं दोष दूर हो जाते हैं। साथ ही साधक के जीवन पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है।
माता कालरात्रि की पूजा मध्यरात्रि यानी निशिता काल में करने से विशेष फल प्राप्त होता है। साथ ही सभी संकटों का नाश होता है। ऐसा यदि संभव नहीं है। तो सुबह जल्दी उठें और स्नान-ध्यान क व्रत का संकल्प लें। फिर माता कालरात्रि की प्रतिमा पर गंगाजल अर्पित करें। इसके बाद रोली, अक्षत, गंध, पुष्प, धूप, दीप, मिष्ठान, सिंदूर इत्यादि से मां कालरात्रि की विधवत पूजा करें। देवी कालरात्रि को लाल रंग बहुत प्रिय है। इसलिए हो सके तो माता कालरात्रि की पूजा के समय साधक लाल रंग का वस्त्र पहनें और उन्हें लाल पुष्प जैसे- लाल गुलाब या लाल गुड़हल का फूल अर्पित करें। पूजा के पश्चात मां कालरात्रि को पान सुपारी, गुड़ और हलवे का भोग अर्पित करें।
माता कालरात्रि की पूजा मध्यरात्रि यानी निशिता काल में करने से विशेष फल प्राप्त होता है। साथ ही सभी संकटों का नाश होता है। ऐसा यदि संभव
मां कालरात्रि के पूजन की विधि नवरात्रि के सातवें दिन पूरी की जाती है। इस दिन गुड़ और गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाएं। मां कालरात्री को गुड़ से बनी चीजें अति प्रिय है। इससे कालरात्रि प्रसन्न होती हैं और भक्तों को मनचाहा फल देती है।
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