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‘कमलनाथ’ बनें राजस्थान कांग्रेस के रैफरी! सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट की ‘लड़ाई’ में बीच का रास्ता निकालने में जुटी पार्टी
‘कमलनाथ’ बनें राजस्थान कांग्रेस के रैफरी! सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट की ‘लड़ाई’ में बीच का रास्ता निकालने में जुटी पार्टी
Congress: कांग्रेस के प्रभाव वाले राज्यों में हर बार कि तरह इस बार भी पार्टी में टूट देखने को मिल रही है।
राजस्थान कांग्रेस में हलचल तेज है। एक बार फिर पार्टी दो खेमे में बंटी दिख रही है। कांग्रेस सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट की लड़ाई में बीच का रास्ता निकालने में जुट गई है।
इसके लिए मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को पार्टी की राजस्थान इकाई में मध्यस्थ की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गहलोत से दूरियाँ मिटाने के लिए पायलट के साथ कलमनाथ ने
अलग से बैठक भी की है।
पायलट से मिले कमलनाथ
कमलनाथ ने कांग्रेस
संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ गुरुवार को अपने तर्कों पर चर्चा करने के लिए
पायलट से मुलाकात की। पायलट ने उन्हें बताया कि उनका उपवास केवल भ्रष्टाचार के
खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देशित था और पार्टी विरोधी नहीं था।
अभी तक नहीं हुआ समाधान
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि बैठक भले ही सौहार्दपूर्ण रही,
लेकिन इसमें से कोई हल नहीं निकला। दरअसल,
कमलनाथ के अशोक गहलोत से अच्छे संबंध हैं हो,
वे सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट के भी करीबी रहे हैं। यहीं वजह है कि पार्टी ने राजस्थान विवाद सुलझाने का जिम्मा कमलनाथ को सौंपा है। इससे पहले जब महाराष्ट्र में तत्कालीन अघाड़ी सरकार में संकट की स्थिति बनी थी। तो कमलनाथ को पार्टी
ने इसे निपटाने का जिम्मा सौंपा था।
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