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9 साल पुराने मानहानी केस में दिग्विजय सिंह पर 1 जुलाई को होगी सुनवाई! जानिए पूरा मामला

• LAST UPDATED : April 27, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Digvijaya Singh Defamation Case, भोपाल: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कोर्ट में दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। जिसके चलते अब इस मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी। बता दें कि इस मामले में दिग्विजय सिंह पर आरोप तय हो गए हैं। पूर्व सीएम आईपीसी की धारा 500 के तहत घिर गए हैं। ये वहीं धारा है। जिसके तहत बीते दिनों राहुल गांधी भी घिरे थे। वहीं इसको लेकर प्रदेश की सियासत भी गर्माने लगी है।

यह है पूरा मामला

बता दें कि साल 2014 में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान विष्णुदत्त शर्मा पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। दिग्गी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि वीडी शर्मा ABVP के महामंत्री रहे हैं। साथ ही दिग्गी ने उन पर आरोप लगाया था कि शर्मा ने व्यापमं घोटाले में बिचौलिये का काम किया है। जिसके चलते शर्मा ने उनके खिलाफ मानहानी का केस दर्ज कराया था।

वीडी शर्मा ने लगाया था छवी करने का आरोप

दिग्गी के इस बयान पर वीडी शर्मा ने कहा था कि दिग्विजय सिंह के इस बयान को आम लोगों ने पढ़ा और सुना है। जिससे उनकी छवि लोगों में काफी खराब हुई है। जिसके बाद विष्णुदत्त शर्मा ने 17 जुलाई 2014 को भोपाल कोर्ट में दिग्विजय के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। एमपी एमएलए कोर्ट ने दिसंबर 2022 में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ धारा 500 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया था। परंतु इस मामले में दिग्विजय सिंह फिलहाल जमानत पर हैं।

कया है व्यापमं घोटाला

व्यापमं घोटाला एक प्रवेश और भर्ती घोटाला है। जिसमें मध्य प्रदेश के कई राजनेता, वरिष्ठ अधिकारी और व्यवसायी शामिल हैं। मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड या व्यापम (व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड) राज्य में कई प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए जिम्मेदार है। यह राज्य सरकार द्वारा गठित एक स्व-वित्तपोषित और स्वायत्त निकाय है। ये प्रवेश परीक्षाएं राज्य के शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में प्रवेश और भर्ती के लिए आयोजित की जाती हैं।

इन प्रवेश परीक्षाओं और नौकरियों में बिचौलियों, उच्च पदस्थ अधिकारियों और राजनेताओं की मिलीभगत से रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के माध्यम से अयोग्य उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जाता था और बड़े पैमाने पर भर्ती की जाती थी।

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