India News(इंडिया न्यूज़), MP IAS Association On Anand Mohan,MP: मध्यप्रदेश के आईएएस एसोसिएशन नें हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे गैंगस्टर आनंद मोहन की रिहाई को लेकर अपनी नाराजगी जतायी है। उनका कहना है कि इससे लोकसेवकों के मनोबल पर असर पड़ेगा। बता दें कि ‘जेल सजा छूट आदेश’ के तहत हत्या के मामले में 15 साल से जेल में बंद आनंद मोहन को रिहाई दे दी गई है।
बिहार सरकार द्वारा जेल नियमावली में बदलाव किया गया है जिससे बिहार के 27 अभियुक्तों की समयपूर्व रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने 10 अप्रैल को बिहार जेल नियमावली, 2012 में संशोधन कर उस नियम को हटा दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि ‘ड्यूटी पर कार्यरत लोक सेवक की हत्या’ के दोषी को उसकी जेल की सजा में माफी/छूट नहीं दी जा सकती। इस नियमावली में बदलाव से पूरे देश में तहलका मचा है। सभी लोगों के दिमाग में बस यही सवाल है कि क्या बिहार में एक बार फिर से क्राइम बढ़ने वाला है।
साल 2007 में स्थानीय अदालत द्वारा मोहन को फांसी की सजा सुनाई गयी थी। जिसके कुछ दिनों बाद ही टना उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील में फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। बिहार सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का विपक्षी दल विरोध कर रहें है। बता दें कि मध्यप्रदेश आईएएस एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से इस फैसले को अस्वीकार किया है। इस मामले में संबंधित राज्य सरकार से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह भी किया है है।