India News (इंडिया न्यूज़), MP Assembly Election, भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसको लेकर दल बादल का दौर जारी है। राजनीतिक दलों के नेता लगातार अपनी पार्टियों को छोड़ दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। इसी कड़ी में बीजेपी फूंक-फूंक कर कदम रख रही हृ और अपने नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने की कोशिश कर रही है।
वहीं बीजेपी में अंदरूनी गुटबाजी देखने को मिल रही है। जिसके चलते कयास लगाए जा रहे हैं कि इस साल एमपी में सिंधिया विधायक बीजेपी के लिए मुसीबत बन सकते हैं?
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जब सिंधिया अपने 22 समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। तब सिंधिया के 22 समर्थकों को बीजेपी ने टिकट दिया था। लेकिन इनमें से सात विधायक अपना जलवा नहीं दिखा सके और उन्हें हर का सामना करना पड़ा।
अब यह सातों नेता दावेदारी जाता रहे हैं। वही अन्य 15 विधायक भी मैदान में उतरने वाले हैं। लेकिन इन सभी 22 सीटों पर पहले से बीजेपी के पुराने नेता अपनी दावेदारी जाता रहे हैं। क्योंकि इन सभी को साल 2018 के विधानसभा चुनाव में दल-बदल कर आए विधायकों के हाथों मुंह की खानी पड़ी थी।
बीजेपी सरकार में रहे पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक जोशी कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं। वहीं कई नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की खबरें भी सामने आ रही है।