India News (इंडिया न्यूज़), 25 Asha Usha worker dismissed: सीएमएचओ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बड़ा एक्शन लिया है। दरअसल, बीते 16 अप्रैल मुख्मंत्री शिवराज सिंह चौहान ग्वालियर बाबा अंबेडकर के महाकुंभ में शामिल होने आएं थें।
उसी दिन आशा उषा कार्यकर्ताओं ने ग्वालियर आए मुख्यमंत्री का घेराव किया था। घेराव के दौरान महिलाएं सुरक्षा घेरे को तोड़कर अंदर आ गई थीं और नारेबाजी करने लगीं थीं। जिसके बाद 25 आशा उषा कार्यकर्ताओं पर एक्शन लेते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।
16 अप्रैल मुख्मंत्री शिवराज सिंह चौहान बाबा अंबेडकर के महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए ग्वालियर आना था। इस बात का पता जैसे ही आशा उषा कार्यकर्ताओं को पता चला उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखने की कोशिश में लग गई।
आशा उषा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो मुख्यमंत्री से अपने मानदेय को बढ़ाने की मांग को लेकर मिलना चाहती है। वो बताना चाहती थीं कि आज की महंगाई में महज दो हजार रूपए से कुछ नहीं होता है इसलिए इसे बढ़ाकर आशा को 10 हजार और उषा कार्यकर्ताओं को 15 हजार रुपए कर दी जाए।
ग्वालियर में फूलबाग चौराहे पर धरने पर बैठी महिलाएं मुख्यमंत्री से मिलना चाहती थी। लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने आशा उषा कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया था। जिससे गुस्सा होकर उन्होंने प्रदर्शन करने का फैसला लिया और फिर नारेबाजी करने लग गई।
जिसके बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई करते हुए 25 कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। अब इस मामलें में कार्रवाई करते हुए सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा ने प्रदर्शन कर रही 25 आशा उषा कार्यकर्ताओं को बर्खास्त कर दिया है।
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