India News (इंडिया न्यूज़), Bajrang Dal, भोपाल: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर देशभर में सियासी पारा गरम है। जिसके चलते मध्य प्रदेश में भी इसका असर लगातार देखने को मिल रहा है। कांग्रेस ने जब से अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही है। तब से इस मुद्दे पर लगातार सियासत तेज हो गई है। बता दें कि इसी साल मध्य प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इस मुद्दे ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। इसी बीच दिग्विजय सिंह ने बजरंग दल को लेकर पीएम मोदी को पत्र भेजा हैं।
दिग्गी के ट्वीट के बाद मध्य प्रदेश की सियासत ने हवा पकड़ ली है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं तो सन् 2000 में SSIM और बजरंग दल दोनों को प्रतिबंधित करने के लिए प्रस्ताव केंद्र में भेजे थे। लेकिन केंद्र में भाजपा सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया। यह मेरा दुर्भाग्य है कि मेरी बात को समझने और स्वीकार करने में लोगों को समय लगता है। पत्र में दिग्विजय सिंह ने कहा कि बजरंग दल कथित तौर पर धर्म की रक्षा के लिए खुलेआम हथियारों का इस्तेमाल करता है।
उन्होंने पीएमओ को टैग करते हुए लिखा मोदी जी बजरंग दल की हिंसक गतिविधियों को लेकर। मैंनें 8 नवंबर 2021 को संघ प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत को एक पत्र लिखा था। जिसके कॉपी में आपको भेज रहा हूं। आपका इस संगठन को धर्म के साथ जोड़ने का प्रयास बिल्कुल गलत है और अशोभनीय है।
बता दें देश में बजरंग दल के कार्यकर्ता नाराज हैं। बजरंग दल के कार्यकर्ता गुरुवार को जबलपुर में रैली निकालकर कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे। जहां उनके कार्यकर्त्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय पर पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस कार्यालय के साथ-साथ निजी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया है।
जबलपुर कांग्रेस कार्यालय में हुई तोड़फोड़ को लेकर दिग्विजय ने ट्वीट कर लिखा कि माननीय मोदी जी शिवराज जी जबलपुर में “बजरंग दल” द्वारा इस कृत्य को हम धार्मिक कार्य कहें या गुंडा गर्दी? क्या मध्य प्रदेश पुलिस इन असामाजिक तत्वों पर कोई कार्यवाही करेगी? क्या ऐसे असामाजिक लोगों को भाजपा संरक्षण देना चाहती है? यह संस्कार भगवान राम और बजरंगबली के भक्तों का तो हो नहीं सकता। इन्हें धार्मिक संस्कारी भक्त भाजपा ने यही संस्कार इन असामाजिक तत्वों को दिये हैं?
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