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Mountaineer Megha Parmar: सत्ता के दांव पेंच में फंसे दो पर्वतारोही, एक ने बीजेपी तो दूसरे ने थामा कांग्रेस का दामन

• LAST UPDATED : May 12, 2023

India News (इंडिया न्यूज़),Mountaineer Megha Parmar: इस साल के अंत तक मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। जिसके लिए सारी पार्टीयां जोर शोर से तैयारी में लगी है। इसी बीच दो युवा आईकॉन का भी नाम सामने आ रहा है। साल 2016 के माउंट एवरेस्ट विजेता रत्नेश पांडे (Mountaineer Ratnesh Pandey) ने पिछले महिने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थामा था।

तो अब साल 2019 की माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली मेघा परमार (Mountaineer Megha Parmar) कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। बता दें कि मेघा परमार (Mountaineer Megha Parmar) “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान की ब्रांड एम्बेसडर भी थीं। लेकिन कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्हें इस पद से हटा दिया गया है।

  • महिला एवं बाल विकास विभाग ने पद से हटाया
  • पद से हटाने पर मेघा परमार ने किया सरकार पर हमला
  • कमलनाथ की तारीफ के बांधे पूल

कमलनाथ ने की मदद

ब्रांड एम्बेसडर के पद से हटाए जाने के बाद मेघा परमार ने कहा कि मैं किसान की बेटी हूं, मैं मध्यप्रदेश की बेटी हूं। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि संसार की सबसे ऊंची एवरेस्ट की चोटी पर फतह कर पाऊंगी। लेकिन इसमें कमलनाथ जी ने मेरी मदद की है। मुझे आर्थिक सहायता भी दिया है। जिसका परिणाम पूरी दुनिया के सामने है। मैं विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर फतह कर पाई। कमलनाथ जी ने फिल्म अभिनेत्रियों की जगह एक किसान की बेटी की मदद की है। उन्होंने इतने बड़े अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बनाया लेकिन बहनों की बात करने वाली भाजपा सरकार ने उसी किसान की बेटी को पद से हटा दिया।

शिवराज सरकार से किया सवाल

मेघा परमार ने शिवराज सिंह सरकार से सवाल करते हुए कहा कि 2 दिन पहले तक मुझे राष्ट्रभक्त और प्रदेश का गौरव बताया जाता था। लेकिन आज अचानक मैं प्रदेश द्रोही हो गई हूं। क्या “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” भाजपा की निगाह में अब “बेटी हटाओ” का नारा बन गया है? उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि क्या एक पर्वतारोही के रूप में मैंने देश का सम्मान बढ़ाकर कोई गुनाह कर दिया है? या फिर मेरा गुनाह देश को आजादी दिलाने वाली पार्टी में प्रवेश करना है? शिवराज सरकार के इस कृत्य ने ना केवल मेरा अपमान किया है बल्कि प्रदेश की सारी बहनों का अपमान है। प्रदेश में जो राजनीतिक फसल काटने के लिए योजनाएं चलाई चलाई जा रही है, उसका पोल पूरे प्रदेश के सामने खुल गया है।

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