होम / क्या यादवों को ‘मनाने’ में कामयाब होगी कांग्रेस? समझिए बुंदेलखंड की 26 सीटों का सियासी समीकरण

क्या यादवों को ‘मनाने’ में कामयाब होगी कांग्रेस? समझिए बुंदेलखंड की 26 सीटों का सियासी समीकरण

• LAST UPDATED : June 2, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Assembly Election 2023, भोपाल: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति चरम पर है। जहां पर एक तरफ सीएम शिवराज अपनी योजनाओं और घोषणाओं से विभिन्न जातियों को साधने में लगे हुए है। तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी सभी वर्गों को साधने में जुट गई है। जिसके चलते पार्टी ने अब यादवों को अपने पक्ष में लेने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव  को जिम्मेदारी सौंपी दी है और वो आज बुंदेलखंड दौरे है।

बुंदेलखंड की स्थिति

दरअसल बुंदेलखंड में सागर संभाग में यादव वोटों की संख्य़ा दो लाख के पार है और कांग्रेस नेता के पास छतरपुर,टीकमगढ़ और निवाड़ी का प्रभार भी है। बता दें कि बुंदेलखंड में कांग्रेस का ज्यादा प्रभाव नहीं रहा है। क्योंकि यहां की 26 सीटों में आधे से अधिक सीट यानि की 18 भाजपा के पास है, इसके अलावा कांग्रेस के खाते में यहां की 7 सीट है। जबकि एक सीट बसपा के खाते में हैं।

कांग्रेस की कोशिश


अपने तीन दिवसीय दौरे पर अरुण यादव बीना,सागर,रहली टीकमगढ़, निवाड़ी औऱ छतरपुर में आयोजित कार्यक्रमों में यादव वर्ग से मुलाकात करके कांग्रेस के लिए समीकरण तैयार करेंगे। अगर हम वर्तमान स्थिति देखें तो टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में अभी कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है।

इन विधायकों के कारण कांग्रेस पड़ी कमजोर

बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड में कांग्रेस के प्रदर्शन में काफी अच्छा खासा    सुधार हुआ था। सागर जिले की 8 विधानसभा सीट में से 3 सीटें कांग्रेस के पास थी। लेकिन सिंधिया खेमे की बगावत के बाद सुरखी सीट पर उपचुनाव हुआ और गोविंद सिंह राजपूत भाजपा के टिकट से चुनाव जीते और सीट भाजपा के खाते में चली गई।

ऐसा ही छतरपुर में कांग्रेस ने 6 में से 4 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन बड़ा मलहरा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी की बगावत के बाद यह सीट भाजपा ले गई।

दमोह विधानसभा से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने बगावत की थी। लेकिन वह कांग्रेस की सीट नहीं छीन पाए।

ऐसी ही स्थिति निवाड़ी की पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर बनी। जहां बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन के बाद उपचुनाव में उनके सुपुत्र नितेन्द्र सिंह राठौर चुनाव हार गए और सीट गवां बैठे थे।

Also Read: 5 बार से हार रही इन 66 सीटों पर जीत के लिए कांग्रेस की खास रणनीति! क्या कांग्रेस ‘प्लान-66’ से भेद पाएगी बीजेपी का.

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube