India News (इंडिया न्यूज़), ganga jamuna school damoh controversy, दमोह: मध्यप्रदेश का स्कार्फ विवाद में जांच तेज हो गई है। जिसके चलते राज्य बाल अधिकार एवं सरक्षण आयोग की टीम शुक्रवार को जांच के लिए दमोह पहुंची। इस मामले में मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। जिसके बाद दमोह के गंगा जमुना स्कूल प्रबंधन ने ड्रेस से स्कार्फ और हिजाब हटा दिया है। साथ ही लब पे आती है दुआ जैसे गाने नहीं गाए जाएंगे।
अब खबर सामने आ रही है कि इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल का पंजीयन रद्द कर दिया है।
दरअसल दमोह के स्कूल के गंगा जमुना का एक पोस्टर काफी वायरल हो रहा है। जिसमें एमपी बोर्ड टॉपर छात्राओं की लिस्ट है। इस टॉपर्स में हिंदू नाम वाली बच्चियों को हिजाब पहनाया हुआ है। जिसे लेकर लोगों में काफी गुस्सा देखनो को मिल रहा है। लेकिन इस मामले में बच्चियों के परिवार ने शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। वहीं वायरल पोस्टर की जांच के बाद जिला कलेक्टर के ऑफिशियल ट्वीटर पर जानकारी दी है कि वायरल पोस्टर मामला निराधार है और जांच में कोई दोषी नही पाया गया है।
शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार की रात ट्वीट कर लिखा, ‘दमोह के एक विद्यालय में अनियमितताएं पाए जाने पर उसकी मान्यता तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई। मेरे भांजे-भांजियों के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और मध्य प्रदेश सरकार ऐसे कृत्यों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
शिक्षा विभाग की जांच में सामने आया है कि गंगा-जमुना विद्यालय में मध्य प्रदेश माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय मान्यता नियम 2017 एवं मान्यता संशोधन नियम 2020 में वर्णित निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा था। विद्यालय में पुस्तकालय की व्यवस्था नहीं है। यहां भौतिकी और रसायन शास्त्र की उचित प्रायोगिक सामग्री भी नहीं मिली। विद्यालय में पंजीकृत 1208 बालक-बालिकाओं के अनुसार अलग-अलग शौचालय व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं थी। विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था हेतु पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध नहीं था।
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