India News (इंडिया न्यूज़), MP Politics, भोपाल: मध्यप्रदेश में साल के अंत में चुनाव होने वाले है। जिसके चलते राहुल गांधी ने प्रदेश में 150 सिटों के साथ जीत का दावा कर दिया है। वहीं कांग्रेस के नेता बार-बार यही कहते हुए नजर आ रहे हैं कि एमपी का चुनाव कनार्टक के तर्ज पर लड़ा जाएगा। इसी के साथ कांग्रेस कनार्टक की ही तरह एमपी में भी चुनाव लड़ेगी। इस कड़ी में कांग्रेस कनार्टक चुनाव के मुद्दों के आधार पर एमपी में सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस कनार्टक की तरह ही एमपी कांग्रेस में भी कांग्रेस दो गुटों में बटती हुई नजर आ रही है। जैसे कनार्टक में डीके शिवकुमार और सिध्दारमैया के बीच कुछ ठीक नहीं था। वैसे ही कुछ अब एमपी कांग्रेस में भी देखने को मिल रहा है।
कनार्टक में चुनाव से पहले ऐसा लग रहा था। जैसे डीके शिवकुमार और सिध्दारमैया के बीच कुछ ठीक नहीं है। लेकिन दोनों एक ही मंच पर एक दूसरे का समर्थन करते हुए नजर आए। कांग्रेस ने दोनों को मना लिया और आज कनार्टक में कांग्रेस की बीना मनमुटाव की सरकार चल रही है। वैसे ही अब कमलनाथ और जीतू पटवारी के बीच देखनो को मिल रहा है। जैसा की सब जानते ही है कि दोनों के बीच कुछ भी ठीक नहीं है।
दरअसल बीते दिनों कमनाथ एमपी के बड़े नेताओं के साथ दिल्ली पहुंचे थे। राहुल गांधी के साथ इन नेताओं की बैठक होनी थी। लेकिन जीतु पटवारी को इस बैठक में नहीं बुलाया गया। तब से कयास लगाए जा रहे है कि जीतू पटवारी और कमलनाथ के बीच दुरियां बढ़ गई है।
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी का मध्य प्रदेश की राजनीति में काफी अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है क्योंकि जीतू पटवारी वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं और राव से विधायक हैं कमलनाथ एमपी में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं लेकिन एमपी में जीतू पटवारी का प्रभाव भी कम नहीं है महाकौशल के इलाके में जहां सीएम कमलनाथ की पकड़ मजबूत है तो वही मालवा मेवाड़ में जीतू पटवारी काफी मजबूत मानी जाती है।
जीतू पटवारी राहुल गांधी के काफी करीबी माने जाते हैं भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जब राहुल गांधी मध्यप्रदेश में आए थे तब राहुल और जीतू पटवारी के बीच काफी नजदीकियां देखने को मिली थी और पिछले दिनों हुई बैठक में जब राहुल को पता चला कि जीतू पटवारी को बुलाया नहीं गया है तब जीतू पटवारी से राहुल गांधी ने तुरंत बात की और उन्हें रूम कॉल के माध्यम से मीटिंग में ज्वाइन कराया।
कर्नाटक और राजस्थान की तरह अब मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस में बढ़ती हुई दिख रही है। इससे पहले एमपी में कांग्रेस के तीन बड़े गुट माने जाते थे। कमलनाथ के अलावा एमपी में कांग्रेस के दो गुड और थे। इनमें एक गुट पूर्व कांग्रेसी ज्योतिरादित्य सिंधिया का और तीसरा दिग्विजय सिंह का माना जाता था। लेकिन अब दिग्विजय सिंह कमलनाथ का समर्थन करते हुए नजर आते हैं। जिससे पता चलता है कि इन दोनों के बीच सब ठीक हो गया है। सिंधिया की बात करें तो सिंधिया गुट कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गया था। अब नया गुट कमलनाथ के खिलाफ उठते हुए दिख रहा है। जिस गुट का नाम जीतू पटवारी हैं।
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