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MP Election Survey 2023: मध्‍य प्रदेश में किस की बनेगी सरकार! सर्वे में मिला हैरतांगेज नतीजा

• LAST UPDATED : June 17, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), MP Election Survey 2023, भोपाल: मधयप्रदेश में साल के अंत में चुनाव होने वाले है। जिसके चलते चुनाव से पहले एक बड़े सर्वे हुआ है। जिसमें प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सिटों पर लोगों की राय ली गई है। बता दें कि मीडिया संस्था के अनुसार सर्वे में 63 फीसदी व्यापारियों और 60 फीसदी किसानों को शामिल किया गया है। जिसमें इनका कहना है कि वो इस बार के चुनाव में अपने क्षेत्र से नया उम्मीदवार चुनना चाहते हैं। वहीं पहली बार वोट देने जा रहे 18 से 23 साल के 56 फीसदी युवाओं का कहना है कि  वो अपने क्षेत्र के लिए युवा प्रत्याशी चाहते हैं। वहीं 50 फीसदी किसानों और दसवी से कम की पढाई करने वाले 50 फीसदी लोगों का कहना है कि वो किसी अनुभवी प्रत्याशी को चुनेंगे।

तो चलिए आपको बताते है इस सर्वे के नतीजे

  • इस सर्वे में 59 फीसदी किसानों ने पहले पार्टी के आधार पर वोट दिया था। इस बार 41 फीसदी किसान प्रत्याशी के आधार पर वोट करेंगे। 
  • 50 फीसदी किसानों, 49 फीसदी व्यापारियों और 46 फीसदी प्रोफेशनल्स ने 55 साल से अधिक आयु के उम्मीदवारे को पसंद करने की बात कही हैं।
  • पिछली बार सरकारी नौकरी करने वाले 41 फीसदी लोगों ने प्रत्याशी देखकर मतदान किया था। इस बार 55 फीसदी सरकारी नौकरी वाले प्रत्याशी को देख कर मतदान करेंगे। 
  • सरकारी नौकरी वाले 43 फीसदी लोग, प्राइवेट नौकरी करने वाले 46 फीसदी लोग, 50 फीसदी बेरोजगार और 43 फीसदी गृहणियां 35 साल तक के युवा प्रत्याशी के पक्ष में अपनी राय रखी है। 
  • ओबीसी के 49 फीसदी और सामान्य वर्ग के 47 फीसदी लोग उसी पार्टी के साथ हैं।  जिसको उन्होंने पहले वोट किया था।
  • इस बार के चुनाव में ओबीसी वर्ग के 49 फीसदी,एसटी के 40 फीसदी, एससी के 42 फीसदी, सामान्य वर्ग के 47 फीसदी वोटर उसी पार्टी को वोट देंगे जिसे पिछली बार दिया था।
  • अगर प्रत्याशी पसंद का ना हुआ तब भी 54 फीसदी लोग अपनी पसंदीदा पार्टी को ही वोट करेंगे।

युवा करेंगे बड़ा उलटफेर

  • 10वीं तक की पढाई करने वाले 52 फीसदी लोग, स्नातक और उससे अधिक की पढ़ाई करने वाले 62 फीसदी लोग नए प्रत्याशी के पक्ष में हैं।
  • एससी वर्ग के 87 फीसदी, एसटी वर्ग के 88 फीसदी, ओबीसी के 84 फीसदी और सामान्य वर्ग के 83 फीसदी लोगों को दलबदलू पसंद नहीं हैं।
  • 10वीं तक पढ़े 43 फीसदी, स्नातक और उससे ज्यादा की पढ़ाई करने वाले 33 फीसदी लोग पार्टी के पक्ष में खड़े हैं।
  • 10 वीं तक पढ़े 54 फीसदी, स्नातक और उससे ज्यादा की पढ़ाई करने वाले 45 फीसदी लोग, इस बार भी उसी पार्टी को वोट करेंगे जिसे पिछली बार वोट किया था।
  • स्नातक और उससे ज्यादा की पढ़ाई करने वाले 31 फीसदी लोदों ने कहा कि वो किसे वोट करेंगे, अभी यह तय नहीं किया है. 
  • कम पढ़े-लिखे 49 फीसदी लोगों को अनुभवी और 38 फीसदी लोगों को युवा प्रत्याशी चाहिए.वहीं 45 फीसदी स्नातक युवा और 42 फीसदी स्नातक अनुभवी प्रत्याशी के पक्ष में हैं. 
  • 10वीं तक पढ़े 54 फीसदी और पीजी तक पढ़े 45 फीसदी लोगों के लिए पिछली बार वाली पार्टी को वोट देंगे।
  • 10 वीं तक पढ़े 54 फीसदी लोग और स्नातक या उससे अधिक की पढ़ाई करने वाले 49 फीसदी लोगों ने कहा कि वो इस बार भी उसी पार्टी को वोट देंगे, जिसे पिछली बार दिया था. पसंदीदा प्रत्याशी न होने पर 31 फीसजी गृहणियां नोटा को वोट देना पसंद करेंगी।

ग्रामीण युवाओं की रहेगी बड़ी भूमिका

  • पिछले चुनाव में गांवों में 53 फीसदी लोगों ने पार्टी और 33 फीसदी लोगों ने प्रत्याशी देखकर वोट किया था. वहीं 55 फीसदी शहरी लोगों ने पार्टी और 36 फीसदी ने प्रत्याशी देखकर वोट किया था.  
  • 48 फीसदी ग्रामीण युवा और 46 फीसदी शहरी लोद अनुभवी प्रत्याशी चाहते हैं. गांव और शहर दोनों के 46-46 फीसदी लोगों इस बार भी उसी पार्टी को वोट देंगे जिसे पिछली बार दिया था. 
  • अगर प्रत्याशी पसंद न हुआ तो 54 फीसदी ग्रामीण और 53 फीसदी शहरी अपनी पसंदीदा पार्टी को ही वोट देंगे. 85 फीसदी ग्रामीण और 83 फीसदी शहरी मतदाता दलबदलुओं के साथ हैं. 
  • 84 फीसदी ग्रामीण, 85 फीसदी  शहरी परिवारवाद को सही नहीं मानते हैं. 59 फीसदी ग्रामीण और 57 फीसदी शहरी दो बार से ज्यादा जीतने वालों को टिकट देने के खिलाफ हैं।

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