India News (इंडिया न्यूज़), Digestion problem in monsoon: मानसून की मिठास और ताजगी जब हम अपने साथ लाते हैं, तो साथ ही विभिन्न प्रकार की पेट से जुड़ी समस्याएँ भी आ सकती हैं। मानसून में बढ़ती नमी, विषम पानी का सेवन, और खासकर खाने-पीने की आदतों में परिवर्तन के कारण पेट से जुड़ी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। इस कवर स्टोरी में, हम आपको बताएंगे कि मानसून में क्यों बढ़ती हैं पेट से जुड़ी समस्याएँ और उनसे बचाव के उपायों के बारे में।
मानसून में क्यों बढ़ती हैं पेट से जुड़ी समस्याएँ
- पानी की कमी से पेट संक्रमण: मानसून में विषम पानी की वजह से आपके शरीर की पानी की कमी हो सकती है, जिससे पेट संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। नमी बढ़ने के कारण पेट में इंफेक्शन और पेट संक्रमण के बढ़ने की संभावना होती है।
- खराब खानपान के परिणाम: मानसून में खाने की आदतों में बदलाव होता है और खासकर बाहर का खाना और गरम खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ जाता है। यह खराब खानपान पेट से जुड़ी समस्याओं को बढ़ावा देता है, जैसे कि अपच, गैस, और पेट दर्द।
- पानी में संक्रमण की संभावना: मानसून में बारिश के पानी में जीवाणुओं की संभावना बढ़ जाती है, जिन्हें खाने-पीने के चीजों में बच्चे जाते हैं। इससे पेट संक्रमण और दस्त का खतरा बढ़ सकता है।
- बढ़ती अदरक-लहसुन की मात्रा: मानसून में अदरक और लहसुन की मात्रा बढ़ सकती है, जो पेट से जुड़ी समस्याओं को बढ़ावा देते हैं। ये वसा को कम करने में मदद करते हैं लेकिन ज्यादा मात्रा में खाने से पेट में जलन, अपच, और गैस की समस्याएँ हो सकती हैं।
- खाने की विषमता से पेट में अपच: मानसून में विषम पानी की वजह से पाचन तंत्र में दिक्कत हो सकती है, जिससे पेट में अपच की समस्या हो सकती है।
- पेट में गैस की समस्या: मानसून में बढ़ती नमी के कारण पेट में गैस की समस्या भी बढ़ सकती है।
- पानी से बढ़ते बैक्टीरिया: मानसून में पानी के संक्रमण की संभावना बढ़ती है, जिनसे पेट संक्रमण और दस्त हो सकती है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।