India News (इंडिया न्यूज), Mahakal ki seventh sawari, उज्जैन: आज श्रावण मास का सातवां सोमवार है। इसलिए सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तो का ताँता लगा हुआ है। खास बात तो यह है कि आज नाग पंचमी का पर्व भी है। उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर में दर्शन हेतु श्रद्धालु देर रात से कतार में लगे हुए है। तडके 2.30 बजे बाबा महाकाल के पट खोले गए और 3 बजे भस्मारती शुरू हुई। जिसके हजारो श्रधालुओं ने दर्शन किए।
श्रावण मास भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह माना गया है। मान्यता है की श्रावण माह में शिव आराधना करने से सभी कष्टों से तुरन्त मुक्ति मिलती है।
श्रावण के सोमवार के दिन आज महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई। भस्मारती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया जिसमे दूध ,दही ,घी ,शहद व फलो के रसो से अभिषेक हुआ। अभिषेक के बाद भांग और चन्दन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराये गए। तत्पशचात बाबा को भस्म चढाई गई।
भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्मार्ती की गई। भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते हे इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहोल हे।
श्रावण-भादो माह में सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा है। इसलिए आज शाम को बाबा की सवारी भी निकाली जाएगी। ऐसा माना जाता है कि राजा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए सवारी में निकलते है और नगर में भ्रमण करते थे। यहां लाखों भक्त बाबा की सवारी के दर्शन के लिए सड़क किनारे घंटों इंतजार करते हैं और महाकाल की एक झलक पाकर खुद को धन्य मानते हैं।
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