India News (इंडिया न्यूज़), Randeep surjewala: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अब महज दो महीने का समय बचा है। नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी काफी तेजी से हो रहा है। इसी क्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन आर्शीवाद यात्रा निकाली है। जिसे हरी झंडी दिखाने के लिए देश के गृहमंत्री अमित शाह मध्यप्रदेश पहुंचें। उनके आगमन से पहले कांग्रेस नेता और एमपी चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कटाक्ष किया है। रणदीप सुरजेवाला ने जन आर्शीवाद यात्रा को “जन धोखा – धन लूट” अवसरवाद यात्रा करार दिया है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “जन धोखा – धन लूट” अवसरवाद यात्रा में अमित शाह मंडला श्योपुर आ रहे हैं , गडकरी खंडवा में हैं, पर पूरे मध्यप्रदेश में “किसानों को बर्बाद” करके अपनी “सत्ता आबाद” करने की कोशिश औंधे मुँह गिरेगी। साथ ही उन्होंने किसानों के तरफ से 5 सवाल भी किया है। उन्होंने पूछा कि आज श्योपुर में बाजरा और सोयाबीन की तथा खंडवा- निमाड़ में सोयाबीन, कपास और मिर्ची की फसलों ने पानी और बिजली की कमी से तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। क्या अमित शाह और गडकरी ये जानते भी हैं, समझते भी हैं? क्या जबाब देंगे?
आगे उन्होंने कहा कि निर्लज्ज शिवराजसिंह चौहान अपनी सत्ता की भूख की यात्राओं के जश्न में डूबे हैं और मध्यप्रदेश की खेती बूँद बूँद को तरस रही है। किसान कराह रहा है और भाजपाई “अवसरवाद यात्रा” का जश्न मना रहे हैं। क्या अमित शाह और गडकरी किसान को कारण बतायेंगे कि किसान से धोखेबाज़ी क्यों?
तीसरा बात उन्होंने कहा कि न नहरों से पानी छोड़ा गया, न बिजली की व्यवस्था की गई। मप्र में धान,सोयाबीन,मक्का, बाजरा, ज्वार, कपास, उड़द, मूँग, तुअर, मूंगफली जैसी 11 से अधिक फसलें बोई जाती हैं, जिसमें 34 लाख हेक्टेयर से अधिक धान , 66 लाख हेक्टेयर से अधिक सोयाबीन ,19 लाख हेक्टेयर से अधिक ज्वार बाजरा और मक्का तथा 5 लाख हेक्टेयर से अधिक कपास बोई जाती है। सब बर्बादी की कगार पर है पर अमित शाह व गडकरी सिर्फ़ वोट की खेती काटने आए हैं, ऐसा क्यों? जब खेती लूट रही है तो वोट क्यों?
वहीं बारिश को लेकर कहा कि अल्पवर्षा से प्रदेश में सूखे के हालात हैं। किसानों ने कर्ज लेकर खरीफ़ की फसलें लगाई थी, उन्हें शिवराज सरकार ने इस कदर धोखा दिया कि न तो नहरों से पानी छोड़ा न बिजली उपलब्ध कराई। ऐसी किसान विरोधी सरकार को वोट क्यों? दिल्ली की सरकार राहत क्यों नहीं दे रही? क्या अमित शाह व गडकरी जबाब देंगे?
वहीं उन्होंने मध्यप्रदेश में बिजली की डिमांड 15006 मेगा वाट तक पहुँच गई है , मौसम विभाग की पूर्व चेतावनी के बावज़ूद बिजली की व्यवस्था नही की गई और आज प्रदेश में लगभग 3,000 मेगा वाट बिजली की कमी है। इतना ही नहीं ,ऐसे समय 1800 मेगा वाट की पाँच यूनिट मेंटेनेंस के नाम पर बंद कर दी गई हैं और 10 रुपए यूनिट तक बिजली निजी क्षेत्र से खरीद चाँदी लूटी जा रही हैं । पूरे प्रदेश में बिजली संकट गहरा गया है । किसानों को खेत के लिए बिल्कुल बिजली नहीं दी जा रही है। समूचे मप्र में खरीफ़ की फसलें सत्ता की नाकामी की वजह से तबाह हो गईं तो श्री अमित शाह व गडकरी किस बात का जश्न मनाने आए हैं? आगे उन्होंने लिखा कि अवसरवाद यात्रा नहीं, पानी और बिजली दो। यही मध्यप्रदेश की माँग है।
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