होम / मध्यप्रदेश पर और बढ़ा कर्ज का बोझ, सरकार ने फिर लिया 500 करोड़ रुपये का कर्ज!

मध्यप्रदेश पर और बढ़ा कर्ज का बोझ, सरकार ने फिर लिया 500 करोड़ रुपये का कर्ज!

• LAST UPDATED : September 21, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), MP Government Loan, भोपाल: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव आने वाले है। लेकिन इन चुनावों से पहले सिएम शिवराज सरकार ने एक भार फिर 500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। 12 साल के टेन्योर पर एमपी सरकार ने 500 करोड़ का कर्ज लिया है। जो आज ऑक्शन होकर आज खाते में रिफ्लेक्ट हो जाएगा।

बता दें की नया वित्तीय वर्ष शुरू होने तक एमपी पर लगभग 3.32 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था इसके बाद लगातार कर्ज लेने से यह आंकड़ा 4 लाख करोड़ के करीब पहुँच चुका है। इस ऋण का पूरा भुगतान, सरकार को 22 सितंबर 2035 तक चुकाना होगा। इससे पहले राज्य सरकार दो बार पहले भी कर्ज उठा चुकी है।   

वित्तीय वर्ष में पहले भी लिया था कर्जा

बता दें कि एमपी सरकार ने  अप्रैल में नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के बाद सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 2000 करोड़ रुपए का पहला लोन लिया था। इस लोन की अवधि 10 साल की है। दूसरा कर्ज सरकार ने मई में चार हजार करोड़ रुपये का लिया था। जिसके बाद सरकरा ने कई और लोन लिए। अब कुल मिलाकर सरकार पर करीब 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।

सरकार ने कब और कितना लिया लोन?

  • 31 जनवरी को 2 हजार करोड़ रुपए का कर्ज
  • फरवरी में अलग-अलग तारीखों पर 4 बार में 12000 करोड़ का लोन
  • मार्च के महीने में अलग-अलग तारीखों पर 3 बार में 9000 करोड़ का लोन
  • मई में 2000 करोड़ का लोन
  • 14 जून 2023 को 4000 करोड़ का कर्ज
  • अब सितंबर में फिर दो बड़े लोन 1000 करोड़ और अब 500 करोड़

तारीखों से हिसाब से लोन

  • 25 जनवरी 2023- 2000 करोड़
  • 02 फरवरी 2023- 3000 करोड़
  • 09 फरवरी 2023- 3000 करोड़
  • 16 फरवरी 2023-3000 करोड़
  • 23 फरवरी 2023- 3000 करोड़
  • 02 मार्च 2023- 3000 करोड़
  • 09 मार्च 2023- 2000 करोड़
  • 17 मार्च 2023- 4000 करोड़
  • 24 मार्च 2023- 1000 करोड़
  • 29 मई 2023- 2000 करोड़ 
  • 14 जून 2023 को 4000 करोड़
  • 21 सितंबर 2023- 500 करोड़

जानकारी मिली है कि राज्य सरकार के खाते में यह राशि आज 21 सितंबर को आ जाएगी। वहीं, अब तक शिवराज सरकार पर 4 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। लेकिन सोचने वाली बात यह है की करीब 4 लाख करोड़ कर्ज होने के बावजूद शिवरजा सरकार नई घोषणाएं कैसे जारी कर सकती है?