India News (इंडिया न्यूज़) Israel-Hamas War: फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने बीते 7 अक्टूबर को इजरायल पर पांच हजार रॉकेट से हमला किया। इसके बाद जमीन, समंदर और आसमान से इजरायल में घुसपैठ करने की कोशिश की। हमास ने सैकड़ों इजरायली नागरिकों को बंधक बनाया। इजरायल ने कहा पिछले 50 साल के इतिहास में ये अब तक का सबसे बड़ा हमला है। इसी बीच आईडीएफ ने कहा कि ‘वॉर क्राइम’ यानी ‘युद्ध अपराध’ है।
जेनेवा कन्वेंशन के दौरान युद्ध को लेकर कुछ नियम बनाए गए। जिसे इंटरनेशनल ह्यूमैनेटिरियन लॉ (International Humanatarian law) कहा गया। इसमें कुल 161 नियम शामिल है। इन नियमों का 196 देशों ने समर्थन किया।
इंटरनेशनल ह्यूमैनेटिरियन लॉ में कहा गया कि जंग के दौरान लॉ ऑफ वॉर लागू होगा। अगर युद्ध एक ही देश के भीतर हो रही है, तब यह लागू नहीं होगा। लेकिन जब दो देशों के बीच युद्ध होगा और उसमें हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा तब ये कानून लागू होगा।
यह लॉ हमास जैसे आतंकवादी संगठनों पर लागू होता है। युद्ध अपराधों के लिए घरेलू कानून के आधार पर आरोप न तय होने की स्थिति में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) में आरोप तय किए जाऐंगे।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) की स्थापना 2002 में किया गया था। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट को हेग में बनाया गया है। इसके कुल 123 देश इसके सदस्य हैं। आईसीसी का कार्य सदस्य देशों में होने वाले युद्ध अपराधों, नरसंहारों या मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच करना है। बता दें कि चीन, रूस, अमेरिका, भारत और मिस्र इसके सदस्य देश हैं। आईसीसी फिलिस्तीन को मेंबर स्टेट की मान्यता दिया हुआ है। जबकि इजरायल सदस्य देश में शामिल नहीं है।
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