India News(इंडिया न्यूज़), Alcohol: एक डॉक्टर ने सुप्रीम कोर्ट से देशभर में शराब बैन करने की मांग की थी, डॉक्टर की दलील थी कि आज का युवा बहुत ज्यादा शराब पी रहे हैं, डेटा का भी हवाला दिया, बेंच ने इसपर बोला कि युवा कल को आकर यह भी दलील दे सकता है कि युवाओं के लिए कोई लिमिट नहीं है लेकिन जितनी वे पीते हैं, उनके लिए ज्यादा नहीं है।
‘अगर शराब युवा ज्यादा पी रहे हैं तो ये उनकी मर्जी भी हो सकती है, राज्य का इसे नियंत्रित करने का काम नहीं है,’ सरकार ने एक डॉक्टर की याचिका पर यह बात कही है, वह शराब पर देशभर में बैन लगाने की मांग कर रहे थे, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर युवाओं को शराब पीने से रोकने के लिए डॉक्टर ने आदेश जारी करने की अपील की थी। डॉक्टर की दलील थी कि शराब युवा ज्यादा पी रहे हैं, इससे कोर्ट भी हैरान हो गया, बेंच ने कहा कि अच्छा, युवा कल को आकर कहेंगे कि वे तो लिमिट में ही पी रहे हैं, लेकिन दलील देंगे की , ये तो उनके लिए ज्यादा नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए कहा कि शराब की बिक्री पर रोक के आदेश से लोगों पर राज्य अधिक नियंत्रण हो जाएगा, इससे आगे और भी समस्याएं आ सकती हैं, वहीं डॉक्टर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि बहुत अधिक शराब युवा पी रहे हैं, एक अध्ययन के मुताबिक, शराब की खपत लगातार बढ़ी है।
भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शराब पर अलग-अलग तरह से प्रतिबंध हैं, गुजरात, बिहार, मिजोरम और नागालैंड जैसे राज्यों ने शराब की खपत और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है, सांस्कृतिक और धार्मिक विचारों से प्रेरित हैं ये प्रतिबंध, इसके अलावा, केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप ने भी बंगाराम के रिज़ॉर्ट द्वीप को छोड़कर, शराब की खपत पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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