India News(इंडिया न्यूज़), MP Election 2023: नागौद विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यहां पर हमेशा से 2 राजपूत नेताओं यादवेंद्र सिंह और नागेंद्र सिंह के बीच ही मुकाबला होता रहा है, नागेंद्र सिंह की बात की जाए तो 5 बार यहां से विधायक चुने गए, नागेंद्र सिंह पहली बार 1977 में विधायक बने और फिर वह 1980 में भी विधायक चुने गए, इसके बाद वह बीजेपी के टिकट पर 2003 और 2008 में विधायक बने।
अगले महीने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं साथ ही यहां एक ही चरण में मतदान कराया जाएगा, मध्य प्रदेश के सतना जिले में सात विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें से कांग्रेस का 3 सीटों पर कब्जा है, लेकिन 4 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, सतना की नागौद विधानसभा सीट पर पहले ही बीजेपी का कब्जा है साथ ही इस बार भी वह इस सीट को अपने कब्जे में रखना चाहेगी।
2018 के विधानसभा चुनाव में 15 उम्मीदवारों ने नागौद सीट पर अपनी दावेदारी पेश की थी, लेकिन यहां की जंग चतुष्कोणीय हो गई थी, भाजपा के नागेंद्र सिंह ने बेहद कड़े मुकाबले में विजय हासिल की थी, नागेंद्र सिंह को 54,637 वोट मिले और कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह को 53,403 वोट मिले आए।
चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार डॉक्टर रश्मि सिंह और अरुणेंद्र सिंह ने भी कड़ी चुनौती पेश की और उन्हें 25,700 वोट मिले थे, बसपा के उम्मीदवार एडवोकेट रामबिहारी को 22,428 वोट मिले, इस कांटेभर मुकाबले में भाजपा के उम्मीदवार नागेंद्र सिंह ने 1,234 मतों के अंतर से विजय हुए, उस समय के चुनाव में इस सीट पर कुल 2,10,302 वोटर्स थे जिसमें 1,65,693 (79.9%) वोटर्स ने ही वोट डाले।
2013 के चुनाव में यदवेंद्र ने कांग्रेस पार्टी की वापसी कराई और यहां से जीत दिलाई, लेकिन नागेंद्र सिंह 5 साल बाद 2018 में फिर से जीत के साथ विधानसभा पहुंचे, नागेंद्र सिंह काफी बुजुर्ग हो गए हैं ऐसे में गगनेंद्र सिंह बीजेपी की ओर से टिकट के प्रवल दावेदार माने जा रहे हैं।
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