India news (इंडिया न्यूज़), Jewellery in Garbage: मध्य प्रदेश के रीवा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां यहां एक परिवार के रिश्तेदार ने घर का कचरा डोर-टू-डोर कचरा उठाने आने वाले वाहन में फेंक दिया। इसमें हैरानी वाली घटना ये है कि कचरे में लाखों के कीमती जेवरात रखे हुए थे। इससे बड़ी बात यह रही कि इस घटना को 24 घंटे से अधिक का समय बीत गया और घर में किसी को पता तक नहीं चला और जब हकीकत पता चली तो सभी के होश उड़ गए।
यह पूरा मामला रीवा की शांति मिश्रा का परिवार भोपाल गया था। परिवार वालों ने जाने से पहले सारे गहनों को चोरों से बचाने के लिए डस्टबिन के डिब्बे में छिपा दिया था। मगर, उनके आने से पहले ही उनका दामाद प्रमोद कुमार घर पहुंच गया। और उसने डस्टबिन का कचरा डोर-टू-डोर आने वाली गाड़ी में फेंक दिया। डस्टबिन में गहने न मिलने पर परिवार वालों के पैरों तले जमीन खिसक गई।
अगले ही दिन शांति मिश्रा जब घर लौटीं तो उन्हें डस्टबिन में गहने नहीं मिले। पूछताछ करने पर उन्होंने जो सुना उससे उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई। क्योंकि आभूषणों की कीमत कम से कम 12 लाख रुपये थी। हालांकि, तब तक कचरा विंध्य के सबसे बड़े कचरा संयंत्र में डंप कर दिया था। वैसे इस प्लांट में चार जिलों का कचरा इकट्ठा होता है, जहां कचरे से बिजली और खाद बनाई जाती है।
बता दें कि कर्मचारियों ने कचरे से कीमती गहने का थैला ढूंढ निकला आनन फानन में मिश्रा फैमिली ने इसकी सूचना कचरा कलेक्शन करने वाली कंपनी को दी। कर्मचारियों ने भी सक्रियता दिखाते हुए कचरे से कीमती गहने का थैला ढूंढ निकाला। जेवरात पाकर शांति मिश्रा की खुशी का ठिकाना न रहा। इसके साथ उन्होंने मैनेजर देवेंद्र महतो, मुकेश प्रताप सिंह सहित कई कर्मचारियों की ईमानदारी की तारीफ की गई।
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