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Chandra Grahan 2023: इस दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जरूर रखें इन बातों का ध्यान

• LAST UPDATED : October 25, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Chandra Grahan 2023: हिंदू धर्म के अनुसार ग्रहण बहुत अशुभ होते है। भारत में 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगेगा। यह इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। यह खंडग्रास रुप में भारत में भी दिखाई देने वाला है। शास्त्रों के अनुसार जहां पर भी चंद्र ग्रहण लगता है। वहां सूतक काल भी लग जाता है।

जब चंद्र ग्रहण लगता है तो सूतक काल से ग्रहण खत्म होने तक कोई भी धार्मिक या सामाजिक कार्य करना अनिवार्य होता है। चंद्र ग्रहण के समय सबसे ज्यादा नियमों का पालन गर्भवती स्त्रियों को करना चाहिए। क्योंकि इससे सबसे ज्यादा असर बच्चे की सेहत पर पड़ता है।

क्या होता है चंद्रग्रहण? 

अगर चंद्र ग्रहण की बात की जाएं तो इसमें चांद, सूर्य और धरती एक लाइन में आ जाते हैं। सूर्य और चांद के बीच धरती होती है। धरती की परछाई चांद पर पड़ती है। वैसे चंद्र ग्रहण के तीन प्रकार होते है- पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक और उपच्छाया। खंडग्रपास चंद्र ग्रहण का दूसरा नाम आंशिक चंद्र ग्रहम भी होता है। जिस समय पृथ्वी की छाया चंद्रमा के कुछ हिस्से पर पड़ती है तो इसे खंडग्रास या फिर आंशिक चंद्र ग्रहण कहा जाता हैं। इस ग्रहण का एक धार्मिक महत्व भी होता है, इसलिए इसे ग्रहण का सूतक माना जाता है।

चंद्र ग्रहण का समय 

चंद्र ग्रहण दुनिए के एक बड़े हिस्से को दिखेगा। चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 29 अक्टूबर 2023 को देर रात करीबन 01:06 बजे पर भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत होगी। लगभग 1 घंटे बाद 02:22 पर खत्म होगा। चंद्र ग्रहण में लगा सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इसका मतलब 28 अक्टूबर शरद पूर्णिमा को दोपहर 2.52 से सूतक काल शुरू हो जाएगा। जो ग्रहण समाप्ति पर ही खत्म होगा।

गर्भवती स्त्रियां न करें ये काम

  • चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा की किरणें दूषित होती है। जिस कारण गर्भवती महिलाएं को इस दिन भूलकर भी घर से बाहर नही निकलना चाहिए। इससे बच्चे को हानि पहुंच सकती है।
  • चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं चांद को न देखें। इससे मां के साथ बच्चे पर भी दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
  • गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान नुकीली वस्तु जैसे सुई, चाकू, कैंची से दूर रहें।
  • मान्यता के मुताबिक ग्रहण के समय नकारात्मक शक्तियां हावी होने लगती है। ऐसे में गर्भवती महिलाएं को ग्रहण काल में हनुमान चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय स्त्रोत, विष्णु हस्ताक्षरी मंत्र और पंचाक्षरी मंत्र का जप करना चाहिए।

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