India News(इंडिया न्यूज़), Price Hike In Rice And Potato: मैदानी इलाकों में रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी और हल्की बारिश से चावल और आलू को भारी नुकसान हो रहा है। इससे चावल और आलू की खेती में बाधा आ रही है और ये दोनों भारतीय रसोई के आदर्श हिस्से हैं, जिससे इसकी अलग-अलग स्थिरता बढ़ती जा रही है। इनमें से कुछ की कीमतें कुछ महीनों में काफी बढ़ गई हैं।
बारिश के कारण पैदा हुए व्यवधान के कारण आलू और चावल की पैदावार में 12% तक की गिरावट देखी गई है। सरकार ने 20 जुलाई से देश से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन बारिश के कारण चावल की कीमतें 15% तक बढ़ गई हैं, खासकर दक्षिण भारत में।
कर्नाटक में रुक-रुक कर हो रही बारिश से चावल की फसल का उत्पादन कम हो गया है। इसका कारण दक्षिण भारत में चावल का घरेलू उत्पादन और विकास है। वहीं अक्टूबर और नवंबर में भारी बारिश के कारण आलू की फसल बाजार तक नहीं पहुंच पाई है। इस वजह से पुराने आलू स्टॉक की कीमतें बढ़ रही हैं। नए आलू की आपूर्ति आमतौर पर नजदीकी बाजार में की जाती है।
बारिश के कारण दक्षिण भारत में चावल की कमी हो गई है। दक्षिण भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार पश्चिम बंगाल से चावल खरीद रहे हैं। इस कारण पूरे देश में चावल की फसल बढ़ रही है।
बासमती चावल भी महंगा हो रहा है। ईटी की खबर के मुताबिक, पश्चिमी एशियाई देशों में मांग बढ़ने से इसका निर्यात बढ़ा है, जिससे बासमती चावल की कीमत में 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है।
महासागर में अल नीनो की स्थिति खराब हो गई है। इसके चलते अगले तीन से चार महीने तक झील में जलस्तर बढ़ने का सिलसिला देखने को मिलने की उम्मीद है। इसका असर अब अप्रैल 2024 में दिखेगा, जिसके बाद नई फसल आने की संभावना है।
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