India News(इंडिया न्यूज़),MP Politics: कांग्रेस पार्टी में कई सालों से युवा नेता दल बदलते नजर आ रहे हैं। हाल ही में महाराष्ट्र में कांग्रेस को बड़ा झटका मिला है, पार्टी के युवा और प्रमुख नेता मिलिंद देवड़ा ने पार्टी को अलविदा कह दिया। वहीं अब अटकलों का बाजार गर्म है कि मध्यप्रदेश से भी कांग्रेस को झटका लग सकता है।
चर्चा है कि मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और उनके बेटे नुकुल नाथ पाला बदलकर बीजेपी में प्रवेश करने की योजना बना रहे हैं। मालूम हो कि नुकुल नाथ मध्य प्रदेश से कांग्रेस के एकमात्र लोकसभा सदस्य हैं।
पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने दावा किया है कि पार्टी के भीतर ऐसी चर्चाएं हैं कि उनकी प्रधानमंत्री मोदी के साथ तारीखें तय हो गई हैं, लेकिन फिलहाल ये सिर्फ चर्चाएं हैं। ऐसी कोई ठोस बात सामने नहीं आई है जिससे यह संकेत मिले कि वह पार्टी छोड़ने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, जमीन पर ऐसा नहीं दिख रहा कि जिससे यह लगे कि वह पार्टी से बाहर हो रहे हैं।”
इस मामले में कमलनाथ के करीबी नेताओं का सुझाव है कि यह एआईसीसी प्रवक्ता आलोक शर्मा ही थे जिन्होंने मीडिया चैनलों पर कमलनाथ के खिलाफ संदेह का बीज बोया था। उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव हार गई है, वह कमलनाथ के खिलाफ हो गए हैं। कमलनाथ के करीबी एक कांग्रेस पदाधिकारी ने कहा, ”आलाकमान को शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। अपने खुले आरोप के कारण नाथ दुखी हैं।
इसके अलावा भी नेताओं के एक वर्ग का कहना है, चूंकि नुकुल नाथ का छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में मजबूत प्रभाव है, इसलिए वह ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं जो उसी तरह पार्टी छोड़ सकते हैं।
वहीं, एक नेता ने कहा, ”कमलनाथ बूढ़े हैं, अगर वह पार्टी छोड़ते हैं, तो वह अपने लिए काम करने वाले मुस्लिम कैडर को खो देंगे और जनता से भरोसा भी खो देंगे। क्योंकि उनकी पहचान हमेशा से कांग्रेसी से जूड़ी रही हैं और इंदिरा गांधी भी उन्हें अपना तीसरा बेटा कहती थीं जिससे उन्हें कांग्रेस नेताओं के बीच काफी स्नेह मिला। अगर वे चले गए तो उनका राजनीतिक जीवन एक झटके में ख़त्म हो सकता है। लेकिन अगर नुकुल नाथ बीजेपी में जाते हैं, तो यह बस वह बेहतर विकल्प तलाश रहे होंगे क्योंकि कांग्रेस दिन-ब-दिन अपनी ताकत खोती जा रही है।”
हालांकि कमल नाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने सभी अफवाहों को खारिज कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में कहा कि 21 जनवरी को प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। यह खबर पूरी तरह से साजिशपूर्ण है। माननीय कमल नाथ जी न तो प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे हैं और न ही उन्होंने मिलने का समय मांगा है। इसके अलावा वह 21 जनवरी को दिल्ली में भी नहीं हैं।
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