आपको बता दें कि यह मामला टीकमगढ़ निवासी जितेन्द्र तंतुवाय की तरफ से दायर किया था। जिनकी तरफ से वकील विकास महावर ने पक्ष रखा। जिन्होंने न्यायालय को बताया कि याचिकाकर्ता प्रोग्रामर के पद पर तैनात है। उसका ट्रांसफर टीकमगढ़ से रीवा कर दिया गया था। एक साल में तीसरा ट्रांसफर किया गया, इसलिए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने 9 फरवरी 2023 को अनावेदकों को निर्देशित किया था कि याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर फैसला ले।
हाईकोर्ट ने साथ ही निर्देशित किया था कि अभ्यावेदन के निराकरण तक याचिकाकर्ता को अभी जहां काम कर रहे है वही काम करने दे। जब याचिकाकर्ता ने टीकमगढ़ में ज्वाइनिंग दी तो चीफ इंजीनियर ने एक आदेश जारी कर ज्वाइनिंग देने से मना कर दिया। आवेदक की ओर से कहा गया कि उक्त रवैया न्यायालय के आदेश की अवहेलना है। वहीं मामले की सुनवाई दौरान बिजली कंपनी के अधिकारियों की ओर से जवाब प्रस्तुत कर माफी मांगी गई और कहा गया कि उनसे अनजाने में गलती हो गई। उनका इरादा कोर्ट की अवहेलना करना नहीं था। इसके बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश दिए।
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