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Bhimkund: MP के इस शहर में स्थित है रहस्यमयी भीमकुंड, महाभारत काल से जुड़ी है इसकी कहानी

• LAST UPDATED : January 28, 2024

India News ( इंडिया न्यूज ), Bhimkund: मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहते है। यहां घूमने-फिरने के बेहद ही खूबसूरत जगहें हैं। मध्य प्रदेश बेहद ही फेमस है। बाबा की नगरी उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के कारण इसे धर्म की नगरी भी कहा जाता है। यहां एक ऐसा रहस्यमयी कुंड भी मौजूद है, जो दुनियाभर में काफी चर्चित है। यह कुंड छतरपुर जिले से करीब 70 किमी दूर स्थित बाजना में मौजूद है। इस भीमकुंड से एक कथा भी जुड़ी है, जो महाभारत काल की है।

धरती में पानी कहां है?

पौराणकि कथा के अनुसार, जब पांडव अज्ञातवास के दौरान वन से जा रहे थे, उसी समय द्रौपदी को प्यास लगी थी। पांचों भाइयों ने आसपास पानी की बहुत तलाश की, लेकिन कहीं भी उन्हें पानी न मिला। जिसके बाद धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाई नकुल को कहा कि वे पता लगा सकते हैं कि धरती में पानी कहां है? ऐसे में नकुल ने भाई की आज्ञा पर धरती से निकलने वाले पानी के स्त्रोत के बारे में पता किया। लेकिन समस्या ये थी कि पानी कैसे निकाला जाए।

उसके बाद भीम ने अपनी गदा उठाया और नकुल के बताए गए स्थान पर वार किया। उनके गदा के प्रहार से धरती में बहुत गहरा छेद हो गया और पानी दिखाई देने लगा। लेकिन कथा के अनुसार, जमीन की सतह से जल का स्रोत करीब 30 फीट नीचे था। युधिष्ठिर ने अर्जुन से कहा कि अब तुम्हें अपनी कौशल से जल तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाना होगा। ऐसे में अर्जुन ने अपने बाणों से जल स्रोत तक सीढ़‍ियां बना दीं। उन सीढ़‍ियों से द्रौपदी को जल स्रोत तक गईं।

इस कुंड का निर्माण भीम की गदा से किया गया था, जिसके वजह से इसे भीमकुंड भी कहा जाता है। इस कुंड का पानी बिल्कुल नीला और साफ है। ऐसा भी माना जाता है कि इस कुंड की गहराई में कुएं जैसे दो बड़े छिद्र हैं, एक में बहुत तेजी से पानी आता है और दूसरे से वापस चला जाता है।

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