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Jaya Ekadashi 2024: जया एकादशी कब है? यहां जानिए पूजा से जुड़ी जरूरी बातें

• LAST UPDATED : February 19, 2024

India News (इंडिया न्यूज़),Jaya Ekadashi 2024: सनातन धर्म में एकादशी तिथि के व्रत का अधिक महत्व बताया गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने की शुक्ल पक्ष की जया एकादशी तिथि 19 फरवरी को सुबह 08 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी। अगले दिन 20 फरवरी, सुबह 09 बजकर 55 मिनट पर इस पर्व का समापन होगा। सनातन धर्म में उदयातिथि का महत्व माना जाता है इसलिए 20 फरवरी दिन मंगलवार को एकादशी व्रत रखा जाएगा।

सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

पद्म पुराण में जया एकादशी के बारे में यह जिक्र किया गया है कि,जया एकादशी व्रत करने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। साधक को जीवन में सभी भौतिक और आध्यात्मिक सुखों की प्राप्ति होती है।

जया एकादशी व्रत के नियम (Jaya Ekadashi 2024)

  • व्रत से पहले तामसिक भोजन आदि का सेवन बिल्कुल ना करें।
    तुलसी दल से श्री हरि का इस दिन पूजन करें।
  • व्रत के दिन भोजन में चावल का सेवन ना करें।
  • व्रत रखने वाले व्यक्ति को इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को बुराई करने से बचना चाहिए।
  • व्रत वाले दिन नाखून, बाल, दाढ़ी आदि नहीं काटने चाहिए।

 इन मंत्रों का जाप करें

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

  • विष्णु गायत्री मंत्र
  • विष्णु गायत्री मंत्र
  • धन्वंतरि मंत्र
  • धन-समृद्धि मंत्र
  • लक्ष्मी विनायक मंत्र
  • विष्णु के पंचरूप मंत्र

जया एकादशी व्रत की पूजा विधि

एकादशी के दिन जो व्रत रखते है उन्हें इस दिन सुबह उठना चाहिए। सूर्य देव के उठने से पहले उठना चाहिए। सूर्योदय से पूर्व स्न्नान कर व्रत का संकल्प ले और मन में उच्चारण करें कि आज मैं एकादशी का व्रत पूरे तन-मन से करूंगी या फिर करूंगा।

जया एकादशी के दिन जो व्रत रखते है उन्हें भगवान विष्णु की मूर्ति को शंख के जल से ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए। स्नान आदि कराकर वस्त्र,चन्दन,जनेऊ ,गंध,अक्षत, पुष्प, तिल, धूप-दीप, नैवैद्य ,ऋतुफल, पान, नारियल,आदि अर्पित करके कपूर से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दिन सात्विक भोजन करें । तामसी पदार्थों के सेवन से इस दिन दूर रहें।

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