India News(इंडिया न्यूज़), MP News: मध्य प्रदेश के गुना जिले में हुए बस हादसे के बाद राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में वाहनों की जांच के लिए चेकिंग अभियान चला रही है। जिसमें परिवहन विभाग की तरफ से अब तक 6 हजार से ज्यादा बसों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से दो हजार से ज्यादा बसों के चालान काटे गए हैं। साथ ही करीब 40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
27 दिसंबर को गुना जिले में एक बस में आग लग गई, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्ती दिखाई और पुलिस अधिकारियों को हटा दिया गया और वाहनों की फिटनेस जांच के निर्देश दिए गए।
इस दिशा में राज्य सरकार ने परिवहन विभाग को सख्त निर्देश दिये और वाहनों की सघन जांच का काम शुरू कर दिया। अब तक 6,000 से ज्यादा बसों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से कई बसों का चालान किया गया है। परिवहन विभाग के मुताबिक, राज्य में 112 बसें बिना परमिट के चल रही हैं, 72 बसों के पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है और 22 बसों का बीमा नहीं है।
बता दें कि गुना में हादसे का शिकार हुई बस भी बिना परमिट और बिना फिटनेस के चल रही थी। इसका परमिट फरवरी 2019 तक था, जबकि फिटनेस सर्टिफिकेट फरवरी 2022 तक था और टैक्स जुलाई 2022 तक जमा किया गया था।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर चलाये गये जांच अभियान के बावजूद फर्जी बसों का राज अब भी कायम है। सरकार को इस संबंध में और सख्ती दिखाने की जरूरत है, ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
ये भी पढ़ें:-