इंडिया न्यूज़, भोपाल:
CBI Raids in Madhya Pradesh मध्य प्रदेश में 2014-15 में सिंडीकेट बैंक(Syndicate Bank) (अब केनरा बैंक) (Canara Bank) में हुए करीब साढ़े 3 करोड़ के फ्रॉड केस (fraud case)में सीबीआई(CBI) ने पिपरिया(Pipariya) और भोपाल(bhopal) में कई जगह दस्तक दी। लेकिन जांच एजेंसी के हाथ कुछ नहीं लगा। क्योंकि जहां सीबीआई ने छापा मारा वह पता ही गलत था। इसकी वजह से जांच एजेंसी को बैरंग लौटने पर मजबूर होना पड़ा।
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मामला दरअसल 2014-15 का है जब आरोपियों ने सिंडीकेट बैंक से तीन करोड़ 44 लाख रुपए की टर्म लोन क्रेडिट लिमिट (term loan credit limit) बनवाई थी। जिसे इन लोगों ने बिजनेस में न इस्तेमाल करते हुए व्यक्तिगत तौर पर इस्तेमाल कर लिया था, जो कि बैंक के साथ धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है। अब यह बैंक केनरा बैंक हो गया है। जांच एजेंसियां आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।
इन लोगों की है सीबीआई को तलाश
शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने सांध्य प्रकाश के तीन संचालकों समेत कोलार की एक संस्था ब्राउनी एंड संस(Brownie & Sons), विवेक शर्मा, सुनील टिबरवाल समेत कई अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मिलीभगत और जालसाजी की धाराओं में केस दर्ज किया था। अब जांच एजेंसी ने इनके पिपरिया समेत भोपाल के कई ठिकानों पर दबिश दी तो पता ही गलत मिला।