India News (इंडिया न्यूज), Vijaya Ekadashi 2024: एकादशी भगवान श्री हरी विष्णु को समर्पित एक पवित्र दिन है। एकादशी फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन पूरे विधि-विधान से विष्णु भगवान की उपासना करनी चाहिए। वही ये दिन प्रभु को प्रसन्न करने के लिए खास माना जाता है। मान्यता के अनुसार, विजया एकादशी का व्रत रखने से जातक की सभी इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं। वहीं इस साल पंचांग के अनुसार, 6 और 7 मार्च के दिन विजया एकादशी पड़ रही है।
पंचांग के अनुसार, 6 मार्च के दिन 06:30 AM से एकादशी तिथि की शुरुआत होगी, तथा 07 मार्च के दिन 04:13 AM मिनट तक रहेगी। वहीं, गृहस्त लोग 6 मार्च के दिन विजया एकादशी का व्रत रख सकते हैं।
इसके साथ ही सन्यासी और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालु 7 मार्च को एकादशी व्रत कर सकते हैं। एकादशी व्रत दो दिन होता है। इसके साथ ही दूजी एकादशी और वैष्णव एकादशी एक ही दिन होती हैं। भगवान विष्णु के भक्तों को दोनों दिन एकादशी व्रत रखने की सलाह दी जाती है।
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एकादशी तिथि की शुरुआत – मार्च 06, 2024 को 06:30 AM
एकादशी तिथि की समाप्ति – मार्च 07, 2024 को 04:13 AM
7 मार्च को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 01:28 AM से 03:49 AM
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 09:30 AM 7 मार्च8 मार्च को पारण का समय- 06:23 AM से 08:45 AM, बता दें कि पारण के दिन (8 मार्च) द्वादशी सूर्योदय से पहले खत्म हो जाएगी।
क्या है पूजा-विधि
इस खास दिन स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें। इसके बाद भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें, जिसमें प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें। अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें और मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें।
इसके साथ ही संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें और विजया एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें।
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