India News MP (इंडिया न्यूज), International Day of Happiness: सुख और दुःख एक सिक्के के दो पहलू हैं, जो जीवन में समान रूप से चलते रहते हैं। जिस तरह दिन और रात, सकारात्मक और नकारात्मक, हार और जीत जीवन का हिस्सा हैं, उसी तरह सुख और दुख भी जीवन का अभिन्न अंग हैं। ख़ुशी हमें जीने की ऊर्जा, प्रेरणा और उत्साह देती है, जो लक्ष्य हासिल करने और जीवन का आनंद लेने में मदद करती है। साथ ही दुख जीवन का मूल्य समझाता है और व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति देता है, जिससे व्यक्ति कृतज्ञता और सहानुभूति की भावना सीखता है। इसलिए सबसे जरूरी है कि व्यक्ति दोनों भावनाओं के बीच संतुलन बनाए रखे।
व्यस्त जीवनशैली परिवार और दोस्तों से दूरी बनाए रखने का सबसे बड़ा कारण है, जिसका असर व्यक्ति पर शारीरिक और मानसिक रूप से पड़ता है। बचपन की ख़ुशी और आज की ख़ुशी में रात-दिन का अंतर है। बिना किसी चिंता के दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना बचपन के सबसे अच्छे पलों में से एक था।
कई लोग सही समय और सही रास्ते का इंतजार करते हुए आनंद लेने का अवसर खो देते हैं। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग व्यस्त रहते हैं और मौज-मस्ती करने के लिए छुट्टियों का इंतजार करते हैं। लेकिन ये सच नहीं है कि केवल छुट्टियाँ या खाली समय ही आपको खुश रख सकता है।
चिंता और अवसाद की स्थिति में व्यक्ति नकारात्मक विचारों में घिर जाता है और खुशियों से दूर चला जाता है। योग, ध्यान और व्यायाम तनाव मुक्त रहने का एक शानदार तरीका है।
भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने लिए कुछ समय निकालना बहुत जरूरी है। इससे हमें सुख, शांति और आत्मसंतुष्टि मिलती है। दो-तीन दिन के लिए समय निकालकर कहीं यात्रा पर जाना उत्तम साबित होता है। दोस्तों, परिवार या अकेले यात्रा करने से मूड तरोताजा रहता है।
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