India News MP (इंडिया न्यूज), MP: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ द्वारा दिए गए आदेश के बाद ASI ने भोजशाला में सर्वे का काम शुरू कर दिया है। इस सर्वे को रुकवाने के लिए मुस्लिम पक्ष के लोग SC पहुंचे और आज ही सुनवाई की गुहार भी लगाएंगे। हिंदू संगठनों के मुताबिक, धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद असल में मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है, जिसे राजा भोज ने 1034 में संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी भोजशाला का सर्वेक्षण करने के लिए मध्य प्रदेश के धार पहुंचे हैं। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के फैसले के बाद एएसआई ने यह सर्वेक्षण का काम शुरू किया है। हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह ही आदेश दिया था कि एएसआई भोजशाला का सर्वे करे। मुस्लिम पक्ष के लोगों ने HC के आदेश को चुनौती दी है।
जानकारी के लिए बता दें कि कर्मचारी वहां पहुंच चुके हैं और वे एएसआई के जांच अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे। उस जगह की भी तलाश की जाएगी। बता दें कि हाई कोर्ट ने सर्वे के लिए कार्बन डेटिंग समेत नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। ASI अधिकारियों की पांच सदस्यीय टीम को 6 सप्ताह में सर्वे रिपोर्ट सौंपनी है।
एएसआई की टीम तकनीकी उपकरणों के साथ अंदर गई है। इस सर्वे को लेकर परिसर के चारों ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और गेट पर मेटल डिटेक्टर लगाया गया है। इस टीम में दिल्ली और भोपाल के एएसआई विशेषज्ञ शामिल हैं। आज रमज़ान के जुमे की नमाज़ भी होनी है, इसलिए सुरक्षा बड़ी प्राथमिकता है। हिंदू संगठनों के मुताबिक, धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद असल में मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है, जिसे राजा भोज ने 1034 में संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था। लेकिन बाद में मुगल आक्रमणकारियों ने इसे ध्वस्त कर दिया।
भोजशाला पर विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाई कोर्ट द्वारा एएसआई को सर्वे के लिए दिए गए आदेश पर रोक लगाने की मांग की। मुस्लिम पक्ष भी शुक्रवार को ही याचिका पर सुनवाई का अनुरोध करेगा।
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