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Ujjain: होली पर महाकाल मंदिर के गर्भगृह में लगी आग से झुलसे सेवक की हुई मौत

• LAST UPDATED : April 10, 2024

India News MP (इंडिया न्यूज),MP: इस साल होली के दिन मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर में बड़ा हादसा हो गया। 25 मार्च को भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आग लग गई थी। इस हादसे में 14 लोग झुलस गए। इनमें से एक घायल की अब मौत हो गई है। इनका नाम सत्यनारायण सोनी है, जो मंदिर के सेवक थे। उनका इलाज मुंबई के एक अस्पताल में चल रहा था। हादसा उस वक्त हुआ जब गर्भगृह में गुलाल उड़ाया जा रहा था।

होली पर हुआ हादसा 

25 मार्च की सुबह महाकाल मंदिर में भस्म आरती हो रही थी। मन्दिर में भगवान की स्तुति होने लगी। भक्त भोले की भक्ति में लीन थे, तभी 5:49 बजे गर्भगृह में आग लग गई। इस हादसे में पुजारी समेत 14 लोग झुलस गए। घायलों में से 9 को इंदौर रैफर किया गया। 5 का इलाज उज्जैन में ही किया गया। इस हादसे में गंभीर रूप से झुलसने के कारण सत्यनारायण सोनी को इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन उनकी हालत में सुधार न होता देख उन्हें बेहतर इलाज के लिए मुंबई के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

इलाज के दौरान मौत 

आज सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सत्यनारायण सोनी की उम्र 80 साल बताई जा रही है। मंदिर से जुड़े लोगों का कहना है कि सत्यनारायण सोनी बाबा महाकाल के सच्चे सेवक थे, जो भस्म आरती के लिए गर्भगृह की सफाई, पूजन सामग्री एकत्र करने या अन्य किसी भी काम के लिए हमेशा तैयार रहते थे। जिस भी पुजारी को बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना के लिए समय मिलता, सत्यनारायण सोनी उनकी सेवा के लिए हमेशा सहयोगी के रूप में मौजूद रहते थे।

बता दें कि इस आग में झुलसे पुजारी के बेटे मनोज शर्मा की उम्र 43 साल, पुजारी संजय शर्मा की उम्र 50 साल, और नौकर की उम्र 65 साल अभी भी इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में इलाज चल रहा है।

घायलों को इलाज जारी 

सत्यनारायण सोनी कई सालों से महाकाल मंदिर में सुबह होने वाली भस्म आरती में शामिल होते थे। उन्होंने आरती और पूजा के दौरान पुजारी की सहायता भी की। सोनी वही है जो महाकाल मंदिर की भस्म आरती के दौरान नंदी हॉल के बाहर आकर महिला श्रद्धालुओं से अनुरोध करती थी कि भगवान महाकाल की भस्म जलने वाली है। औरतें राख को उठते हुए नहीं देखतीं। इसलिए पर्दा हटा दो। भोलेनाथ को भस्म चढ़ाने के बाद सोनी उन्हें वापस बुलाती थी और महिलाओं से घूंघट हटवाती थी। मंदिर के पुजारियों के मुताबिक सोनी बहुत ही मिलनसार व्यक्ति थे।

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