प्रदेश के जबलपुर जिले में निजी स्कूलों और यूनिफॉर्म-पुस्तक विक्रेताओं के बीच सांठगांठ को उजागर करने के लिए प्रशासन जोरों शोरों से कार्रवाई कर रहा है। मंगलवार को एसडीएम ने एक साथ किताब दुकानों की जांच शुरू की। जांच के दौरान कई अनियमितताएं सामने आई हैं, जिसे रिपोर्ट के रूप में कलेक्टर को सौंपा जाएगा।
प्रशासन की ओर से बताया कि इन दुकानों में हजारों की संख्या में फर्जी आईएसबीएन वाली किताबें मिली हैं, जिसका मतलब है कि ये किसी पंजीकृत प्रकाशन की नहीं हैं। कई दुकानों में एक ही क्लास और एक ही सिलेबस की किताबें अलग-अलग कीमत पर मिलती हैं।
1 अप्रैल से स्कूल खुलने के बाद जबलपुर जिले में कॉपी, किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य शैक्षणिक सामग्री की लूट को देखते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जांच के निर्देश दिए थे। पहले कई स्कूलों की जांच की गई और स्कूलों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अब लगातार किताब दुकानों का निरीक्षण किया जा रहा है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि शहर में बड़ी संख्या में डुप्लीकेट किताबें बेचे जाने की शिकायत मिली थी। ये नकली किताबें हैं, जो लाभ कमाने के इरादे से बेची जा रही हैं।
ऐसी किताबों को पकड़ने के लिए सभी किताबों का आईएसबी नंबर यानी इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नंबर खोजा जा रहा है। जिनकी किताबों के नंबर मेल नहीं खा रहे हैं उन्हें जब्त कर लिया जा रहा है। इसे लेकर मंगलवार को 5 एसडीएम ने एक साथ कार्रवाई क। जांच के बाद पुस्तक भंडारों का भी पक्ष जाना जाएगा और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। जांच के दौरान पता चला कि शहर में एक ही सिलेबस और एक ही क्लास की किताबें अलग-अलग कीमत पर बेची जा रही हैं। दोनों किताबों का सिलेबस एक जैसा है। लेकिन इनके रेट में करीब 100 रुपये का अंतर है।
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