India News MP (इंडिया न्यूज़) Bill Gates: दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और अरबपति बिल गेट्स कंपनी के शुरुआती दिनों में छुट्टियां और सप्ताहांत लेने में विश्वास नहीं करते थे। अपनी जवानी के दिनों में उन्हें केवल काम करना पसंद था। इस बात का खुलासा खुद बिल गेट्स ने किया है। अमेरिका की नॉर्थ एरिजोना यूनिवर्सिटी में इस बारे में बात करते हुए गेट्स ने कहा कि मैं अपनी जवानी के दिनों में छुट्टी लेने में विश्वास नहीं करता था। मैं सप्ताहांत में भी विश्वास नहीं करता था और मैं हर समय सिर्फ काम करता था।
बिल गेट्स ने आगे कहा कि कंपनी के शुरुआती दिनों में वह पार्किंग एरिया पर नजर रखते थे। वह यह जाँचते थे कि कितने कर्मचारी ऐसे हैं जो समय से पहले कार्यालय छोड़ कर चले गये। लेकिन समय के साथ मेरी सोच बदल गई। जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ और पिता बना, मुझे एहसास हुआ कि अच्छा काम करने के लिए लंबे समय तक काम करना जरूरी नहीं है। उन्होंने लोगों को सलाह भी दी कि मेरी तरह उन्हें भी इस बात को समझने में इतना समय नहीं लगाना चाहिए।
छात्रों को संबोधित करते हुए बिल गेट्स ने उन्हें हर समस्या से कुछ न कुछ सीखने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि जब आप कोई समस्या देखें तो सबसे पहले पूछें कि इस समस्या का सबसे अच्छा समाधान किसने खोजा है और हम इससे क्या सीख सकते हैं। बिल गेट्स ने कहा कि वह आज भी इस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं।
बिल गेट्स ने यह भी कहा कि उन्होंने समय प्रबंधन की गुणवत्ता दिग्गज निवेशक और अरबपति वॉरेन बफे से सीखी है। बिल गेट्स ने कहा कि एक बार वॉरेन बफे ने उन्हें अपना कैलेंडर दिखाया था जिसमें कुछ भी नहीं लिखा था। जबकि बिल गेट्स के पास अपने लिए बिल्कुल भी समय नहीं था। इसके बाद गेट्स ने छुट्टियों को लेकर अपना नजरिया बदल लिया।
उन्होंने कहा कि हर वक्त काम करते रहने से आपके काम के प्रति गंभीरता नहीं दिखती। इसके साथ ही गेट्स ने छात्रों को धैर्य का महत्व भी समझाया। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में खुद को शांत रखना बहुत जरूरी है। इससे आप कठिन समय का सामना सही तरीके से कर पाएंगे।
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